(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
दुनिया में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक, 126 देशों में बढ़ने लगे मामले, 33 देशों में 100 फीसदी से ज्यादा बढ़े केस
दुनिया के कई देशों ने दूसरी लहर के बाद कोरोना को हल्का समझा. सड़कों पर निकले, जश्न मनाया. नतीजा ये आंकड़े उन देशों की बेबसी, बर्बादी और बदहाली बयां कर रहे हैं.
दुनियाभर के कई देशों में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. 126 देशों में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं. दुनिया के 33 देश ऐसे हैं जहां दो हफ्तों में कोरोना केस दोगुने हो गए. इन 33 देशों में 100 फीसदी से ज्यादा कोरोना केस में बढ़ोतरी हुई है. जबकि अन्य 30 देशों में एक हफ्ते में 50-90 फीसदी मामलों की बढ़ोतरी हुई है.
नीदरलैंड्स में सबसे ज्यादा कोरोना का कहर
नीदरलैंड्स में पिछले 7 दिनों में सबसे ज्यादा कोरोना केस 299 फीसदी बढ़े हैं. अमेरिका में एक हफ्ते में 69 फीसदी केस बढ़ गए. इंडोनेशिया में पिछले 7 दिन में 44 फीसदी केस बढ़े हैं. थाइलैंड में इसी समय में 47 फीसदी और इंग्लैंड में 33 फीसदी केस महज 7 दिनों में बढ़ गए. इन देशों में कोरोना के केस बढ़ने का सिर्फ एक कारण है कि लोगों ने कोरोना नियमों का पालन नहीं किया.
इन दिनों नीदरलैंड्स और यूके में हर दिन सबसे ज्यादा कोरोना केस दर्ज किए जा रहे हैं. दोनों देशों में रोजाना 50 हजार नए केस आ रहे हैं. हर दिन मौत भी हजार के करीब हो रही है. वहीं ब्राजील और अमेरिका में प्रति दिन 40 हजार से ज्यादा नए मामले बढ़ रहे हैं. हालांकि भारत में पिछले कुछ दिनों से 40 हजार से कम कोरोना केस बढ़ रहे हैं.
भारत में भी तीसरी लहर का खतरा
भारत में भी तीसरी लहर का सर्वाधिक खतरा बना हुआ है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा है कि दुनिया कोविड की तीसरी लहर की ओर बढ़ रही है. भारत में कोविड के खिलाफ लड़ाई में अगले 100-125 दिन महत्वपूर्ण हैं. अब भी बड़ी आबादी संक्रमण के खतरे का सामना कर रही है.
उन्होंने कहा, "तीसरी लहर का सवाल बार-बार आता रहता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारी आबादी अभी भी जोखिम में है. हम अभी भी ‘हर्ड इम्यूनिटी’ के स्तर तक नहीं पहुंचे हैं और न ही हम संक्रमण के चरण में पहुंचे हैं. हम संक्रमण के माध्यम से ‘हर्ड इम्यूनिटी’ हासिल नहीं करना चाहते हैं. हम टीकों के मामले में प्रगति कर रहे हैं और 45 साल से अधिक आयु के हमारे सबसे कमजोर समूह का लगभग 50 फीसदी हिस्सा सुरक्षित है. इससे मृत्यु दर पर भी असर पड़ेगा और इसमें कमी आएगी, लेकिन संक्रमण फैल सकता है. हम असुरक्षित हैं, वायरस अभी भी आसपास है."
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