Covid Vaccination: दुनिया भर में कोरोना के बढ़ते मामले और तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए ऑस्ट्रियन नेशनल काउंसिल, संसद के निचले सदन ने गुरुवार को फरवरी से कोरोनावायरस टीकाकरण को अनिवार्य बनाने के लिए मतदान किया. अनिवार्य टीकाकरण कानून के तहत यहां फरवरी से सभी व्यस्कों को टीकाकरण करवाना होगा और अगर कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसपर जुर्माना लगाया जाएगा. यह नियम 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों पर लागू होता है जो ऑस्ट्रिया में पंजीकृत हैं.


विधेयक के कानून बनने के बाद अगर कोई व्यक्ति वैक्सीन लगवाने से मना करता हो तो उस पर 600 यूरो तक का शुरुआती जुर्माना लगाया जा सकता है. वहीं यह जुर्माना 3600 यूरो तक भी बढ़ाया जा सकता है. वहीं वैक्सीन नहीं लगवाने वाले लोगों में 18 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं या ऐसा व्यक्ति हो सकता है जिनके लिए टीकाकरण स्वास्थ्य जोखिमों से जुड़ा हो. इनके अलावा देश में रहने वाले हर व्यक्ति का टीकाकरण आवश्यक है.


दरअसल ऑस्ट्रिया यूरोप के उन देशों में शामिल है जहां सबसे कम वैक्सीन लगाए गए हैं. वैक्सीनेशन के आंकड़ों के अनुसार यहां अब तक करीब 72 प्रतिशत लोगों का  वैक्सीनेशन हो सका है. जो यूरोप के अन्य देशों की तुलना में बेहद कम है. 


वैक्सीन को लेकर डर में हैं ऑस्ट्रियाई


ऑस्ट्रिया में वैक्सीनेशन दर कम होने का एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि कई ऑस्ट्रियाई नागरिक वैक्सीन को लेकर संदेह में हैं. वहीं पिछले महीने तक ऑस्ट्रिया (Austria) की राजधानी वियना (Vienna) में कोविड वैक्सीन नहीं लगवाने वालों को घरेलू कारावास का आदेश दिया गया था जिसके विरोध में दसियों हजार लोग इकट्ठा हुए और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था. 


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