जानिए किसी गंभीर महामारी को फैलने से रोकने के लिए वैक्सीन बनाने की पूरी प्रक्रिया, लगता है कितना समय
कोरोना महामारी के कारण हर दिन दुनियाभर में हज़ारों लोगों की जानें जा रही हैं.चीन ने 10 जनवरी को कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड के बारे में बताया था.
कोरोना महामारी की वजह से हर दिन दुनियाभर में हज़ारों लोगों की मौत हो रही है. कई लोग अब भी जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं. लोगों की पूरी उम्मीद अब कोरोना वैक्सीन पर टिकी हुई है. वैक्सीन के आने के बाद स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई गई है. भारत, अमेरिका सहित कई देशों ने ये दावा किया है कि इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत तक लोगों को वैक्सीन मिल सकेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी भी कई वैक्सीन पर ह्यूमन ट्रायल चल रहा है. वहीं, वैज्ञानिकों ने जल्द कामयाबी मिलने की उम्मीद जताई है.
आपको बता दें कि फ़्लू महामारी की शुरुआत 1918 में हुई थी. लेकिन इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए साल 1945 में लोगों के बीच वैक्सीन उपलब्ध कराया गया. हालांकि अमेरिकी वैज्ञानिकों ने साल 1935 में वैक्सीन बना लिया था लेकिन इसे पूरी तरफ इस्तेमाल में लाने के लिए 20 साल से अधिक का समय लगा. बता दें कि कोरोना वैक्सीन एक साल से भी कम समय में तैयार हुआ है. इससे पहले वैक्सीन बनाने में काफी समय लगता था. कोरोना वैक्सीन के आने से ना सिर्फ लोगों की जिंदगियां बचेंगी बल्कि इससे आने वाले भविष्य में दूसरी महामारी के लिए वैक्सीन बनाने पर तेजी से काम भी किया जाएगा.
कई स्टेज में किए जाते हैं ट्रायल
किसी भी गंभीर महामारी को फैलने से रोकने के लिए वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया आसान नहीं होती है. इसके लिए कई स्टेज में ट्रायल किए जाते हैं. लोगों पर किए गए ट्रायल्स से पता लगता है कि ये वैक्सीन कितना कारगर है. साथ ही अ