लखनऊ: चीन के बाद कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित होने वाला देश ईरान ही है. वहां अब तक 50 से अधिक मौत हो चुकी हैं जबकि हजार से अधिक बीमार है. खबर आ रही है कि भारत आने के लिए फ्लाइट रद्द होने के चलते लगभग 10 हजार से ज्यादा भारतीय नागरिक भी वहां फंस गए हैं. इनमें बड़ी संख्या में छात्र भी शामिल हैं. परेशानी वाली बात यह भी है कि ये लोग जिन शहरों में फंसे हैं, वो शहर कोरोना का सर्वाधिक प्रकोप झेल रहे हैं.


खबर आ रही है कि ईरान में हालत बेहद खराब हो रहे हैं. वहां की सरकार के दो मंत्री भी इसकी चपेट में आ चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वहां अलग से एक्सपर्ट की टीम भेजी है. कई देशों ने ईरान के लिए वीजा और हवाई सेवा पर रोक लगा दी है, जिसमें भारत भी शामिल है. ईरान के कुम शहर में स्थित मुस्तफा इंटरनेशनल यूनिर्वसिटी में लगभग दो सौ भारतीय स्टूडेंट हैं. वे सभी जल्द से जल्द भारत आना चाहते हैं. बीमारी का सबसे अधिक कहर वहीं है.


यूनिवर्सिटी में ज्यादातर छात्र उत्तर प्रदेश और दिल्ली के हैं. इन छात्रों को वहां से निकालने के प्रयास में लगे मुस्लिम धर्मगुरु हमीदुल हसन ने बताया कि ईरान के कुम शहर में तमाम भारतीय छात्र इस्लामिक शिक्षा ले रहे हैं. साथ ही तेहरान में भी कई भारतीय फंसे हैं, जो स्वदेश वापसी की राह देख रहे हैं. मौलाना हमीदुल ने बताया कि ईरान में कॅरोना का प्रकोप है.


ऐसे में उन्होंने केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और राजनाथ सिंह से बात के बाद पहली लिस्ट 29 लोगों की भेजी है. ये सभी लोग उत्तर प्रदेश के ही हैं. 50 और नाम आज भेज रहे हैं. मौलाना के मुताबिक वहां बाजार बंद हैं. जरूरी चीजों तक की कमी होने की आशंका है. लोग डरे भी हुए हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस तरह चीन में फंसे भारतीयों को वहां से निकाला गया उसी तरह यहां से भी उन्हें निकाला जाएगा.


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