त्वचा के स्वैब से भी लगाया जा सकता है कोरोना वायरस का पता, जानिए नई तकनीक के बारे में
लंदन के सरे विश्वविद्यालय के एक अध्ययन से पता चलता है कि COVID-19 जैसी बीमारियों के परीक्षण के लिए गैर-इनवेसिव साधनों का उपयोग मददगार हो सकता है. शरीर की वसामय ग्रंथियों द्वारा निर्मित एक तैलीय पदार्थ (सीबम) में यह क्षमता है कि वह वायरस के प्रभाव और उसकी प्रकृति के बारे में बता सकता है.
लंदन: लैंसेट ई क्लिनिकल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नान-इनवेसिव स्किन स्वैब के नमूने कोरोना वायरस का जल्दी पता लगाने में मददगार हो सकते हैं. ब्रिटेन में सरे विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा है कि COVID-19 महामारी के निदान के लिए चयापचय (मेटाबोलिज्म) पर इसके प्रभाव की जांच की जरूरत है. शरीर की वसामय ग्रंथियों द्वारा निर्मित एक तैलीय पदार्थ (सीबम) में यह क्षमता है कि वह हमारे शरीर पर वायरस के प्रभाव को देखने के साथ ही वायरस की प्रकृति के बारे में भी बता सकता है. COVID-19 के परीक्षण के लिए सबसे व्यापक रूप से पोलीमरेज चेन रिएक्शन (PCR) टेस्ट की आवश्यकता होती है, जिसमें गले के पीछे और नाक के अंदर से स्वैब लेना होता है.
67 मरीजों के सीबम के नमूने एकत्र किए
शोधकर्ताओं ने अस्पताल में भर्ती 67 मरीजों के सीबम के नमूने एकत्र किए, जिनमें 30 का COVID-19 टेस्ट पॉजिटिव था और 37 का निगेटिव. सीबम नमूने को चेहरे, गर्दन या पीठ की त्वचा से धीरे-धीरे रगड़कर एकत्र किया गया था. टीम ने COVID-19 के पॉजिटिव और निगेटिव नमूनों में अंतर करने के लिए तरल क्रोमैटोग्राफी मास स्पेक्ट्रोमेट्री और एक सांख्यिकीय मॉडलिंग तकनीक का उपयोग करके नमूनों का विश्लेषण किया. शोधकर्ताओं, जिनमें मैनचेस्टर और लीसेस्टर विश्वविद्यालयों के शोधकर्ता भी शामिल थे, ने पाया कि पॉजिटिव COVID-19 परीक्षण वाले रोगियों में निगेटिव परीक्षण वालों की तुलना में लिपिड स्तर या डिस्लिपिडेमिया कम था. उन्होंने नोट किया कि दवा और अतिरिक्त स्वास्थ्य स्थितियों को नियंत्रित करने पर निष्कर्षों की सटीकता में और वृद्धि हुई.
चयापचय के कई क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाता है COVID-19
सरे विश्वविद्यालय के इस अध्ययन के सह-लेखक मेलानी बेली ने कहा, "हमारे अध्ययन से पता चलता है कि हम भविष्य में COVID-19 जैसी बीमारियों के परीक्षण के लिए गैर-इनवेसिव साधनों का उपयोग करने में सक्षम हो सकते हैं. वहीं, एक अन्य सह-लेखक मैट स्पिक ने कहा कि COVID-19 चयापचय के कई क्षेत्रों को नुकसान पहुंचाता है. वहीं, फ्रिमली पार्क अस्पताल में एनेस्थीसिया एंड इंटेंसिव केयर मेडिसिन के सलाहकार जॉर्ज इवेट्स के अनुसार, COVID-19 जैसी नई बीमारी के निदान और निगरानी के लिए नए तरीकों की जांच करना महत्वपूर्ण है. इवेट्स ने कहा, " सीबम सैंपलिंग एक सरल, गैर-इनवेसिव विधि है, जो बीमारी के निदान और निगरानी के लिए आशा की किरण दिखाता है."
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