ब्रेन के लिए घातक है कोरोना, याददाश्त को भी करता है प्रभावित, जानिए और किन चीजों पर करता है असर
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के शोधकर्ताओं ने अपनी स्टडी में इस बात पर गौर किया और कोरोना से दम तोड़ने वाले रोगियों के ब्रेन टिश्यू नमूनों पर अध्ययन किया.
कोरोना वायरस ने दुनिया भर में करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में ले लिया और लाखों लोगों की समय से पहले ही इस महामारी के चलते मौत हो गई. लेकिन, कोरोना को लेकर जो स्वास्थ्य संबंधी चीजें सामने आ रही हैं, वो परेशान करने वाली है. नई स्टडी में इस बात का पता चला है कि यह घातक वायरस ब्रेन को नुकसान पहुंचा सकता है.
कोरोना के चलते इसके पीड़ित व्यक्ति के ब्रेन में रक्त वाहिनियों को क्षति पहुंचाने के साथ ही इन्फ्लेमेशन की समस्या खड़ी हो सकती है. शोध में यह पता चला है कि किसी कोरोना वायरस पीड़ित के ब्रेन पर इस महामारी का क्या तरह असर पड़ता है.
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के शोधकर्ताओं ने अपनी स्टडी में इस बात पर गौर किया और कोरोना से दम तोड़ने वाले रोगियों के ब्रेन टिश्यू नमूनों पर अध्ययन किया. हालांकि टिश्यू नमूनों से इसका कोई संकेत नहीं मिला कि कोरोना वायरस के सीधे हमले के चलते मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा. इस अध्ययन के नतीजों को न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिसार्डर एंड स्ट्रोक के क्लीनिकल डायरेक्टर अविंद्र नाथ ने कहा कि हमने पाया कि कोरोना की चपेट में आए पीडि़तों के मस्तिष्क में रक्त वाहिनियों को नुकसान पहुंच सकता है. हमारे नतीजों से जाहिर होता है कि वायरस के प्रति शरीर के इंफ्लेमेटोरी रिस्पांस के चलते ऐसा हो सकता है.
गौरतलब है कि इससे पूर्व एक अध्ययन में यह दावा गया था कि कोरोना का यह वायरस मस्तिष्क में भी दाखिल हो सकता है. इसके चलते सोचने, सीखने और याददाश्त संबंधी क्षमताएं प्रभावित हो सकती हैं. पहले की स्टडी से यह बात सामने आ चुकी है कि कोरोना के चलते पीडि़तों में ब्लड क्लाटिंग यानी रक्त का थक्का बनने की समस्या खड़ी हो सकती है.
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