चीन में कोरोना की चौथी लहर ने भारी तबाही मचा रखी है. सबसे भयावह स्थिति शंघाई की है. यहां तमाम सख्ती और लॉकडाउन के बाद भी कोरोना के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. शुक्रवार को शंघाई में एक दिन में सबसे ज्यादा मरीज मिले. रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को 20700 मरीज ऐसे मिले जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं थे, लेकिन रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जबकि 3400 से अधिक मरीज ऐसे मिले जिनमें कोरोना के लक्षण थे.
लॉकडाउन का भी फायदा नहीं
चीन सरकार ने करीब 15 दिन पहले ही मामले बढ़ने पर शंघाई में सख्त लॉकडाउन लागू कर दिया था, लेकिन इसके बाद भी वहां स्थिति कंट्रोल होती नहीं दिख रही है. रोजाना यहीं पर सबसे ज्यादा मरीज मिल रहे हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, यहां पर रोज मामलों में तेजी आ रही है. शंघाई और चीन के अन्य शहरों में संक्रमण की जांच पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है. कई राउंड की टेस्टिंग हो रही है. अस्पतालों में भी कोविड मरीजों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. अतिरिक्त बेड और अतिरिक्त अस्पताल बनाए गए हैं.
खाने की हो रही है दिक्कत
कोरोना की वजह से शंघाई कई दिनों से लॉक है. इन सबके बीच यहां के लोगों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं. कई घरों में खाना तक नहीं है. चीन के सरकारी ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, शंघाई कोरोना वायरस के मामले में अपने सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है. लोगों को खाने की भी दिक्कत हो रही है. इंटरनेट पर लोग सरकार के खिलाफ खूब गुस्सा उतार रहे हैं. शंघाई में इलाज के इंतजार में एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद लोगों में ज्यादा नाराजगी देखी जा रही है.
तो क्या मौत भी छिपा रहा है चीन
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़ों को भी फिर से छिपा रहा है. शंघाई के एक अस्पताल में शुक्रवार को करीब 12 बुजुर्गों की कोरोना से मौत हुई, लेकिन इन्हें कोरोना में नहीं जोड़ा गया. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2020 के बाद से शहर में इस बीमारी से कोई मौत नहीं हुई है.
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