Coronation Of King Charles III: ब्रिटेन के किंग चार्ल्स III की ताजपोशी 6 मई शनिवार को होने जा रहा है. ये लंदन के ऐतिहासिक शाही चर्च वेस्टमिंस्टर एबे में होगा. इसके लिए जोरशोर से तैयारी चल रही है. फिर चाहे वो मिडनाइट रिहसर्ल हो या किंग और क्वीन कंसोर्ट का बुधवार (3 मई) को वेस्टमिंस्टर एब्बे का ताजपोशी की रिहसर्ल के लिए किया गया दौरा हो.
इन तैयारियों ने ही वीकेंड में होने जा रहे ताजपोशी समारोह से पहले ही ब्रिटिश राजशाही ठाठबाट और भव्यता की एक छोटी सी झलक दिखा दी है. इस समारोह के ठाठबाट में किंग चार्ल्स III और क्वीन कंसोर्ट कैमिला पार्कर के उस दिन पहने जानी वाली पोशाकों ने और इजाफा किया है. इस हफ्ते बकिंघम पैलेस ने दुनिया को उनके ताजपोशी के एक झलक दिखाई. इसी तरह की कुछ और शानदार तैयारियां इस समारोह को यादगार बनाने के लिए की गई हैं. पोशाकों से लेकर ब्रिटिश राजशाही के प्रोटोकॉल इसमें शामिल हैं.
रॉयल स्कूल ऑफ नीडलवर्क की कशीदाकारी है पोशाकों पर
रॉयल फैमिली में कुछ भी करने के लिए प्रथाएं हैं. ये बहुत सख्त प्रक्रियाएं और प्रोटोकॉल हैं. यहां तक कि ये बात पोशाकों पर भी लागू होती है. इस रॉयल ताजपोशी की पोशाकों पर भी रॉयल कशीदाकारी होती है. इसे रॉयल स्कूल ऑफ नीडलवर्क के कशीदाकार करते हैं. किंग के पहने जाने वाले रोब में से 3 पहले सम्राटों के पहने गए होते हैं तो क्वीन कंसोर्ट बिल्कुल नई पोशाक पहनती हैं. ये उनके लिए खास तौर पर तैयार की जाती है.
इसमें फूल, मधुमक्खियों और एक बेहद निजी प्रतीक होता है जो दिवंगत क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय की जिंदगी के जश्न को लेकर होता है. किंग और क्वीन कंसोर्ट शनिवार 6 मई की सुबह वेस्टमिंस्टर एब्बे पहुंचने पर वो राजशाही पोशाकों में नजर आएंगे. इसमें किंग सोने की चमक के किनारे वाला लाल रंग का वेलवेट रोब (लबादा) पहने होंगे. तो क्वीन भी वेलवेट की लाल रंग का रोब पहनेंगी. ये रोब 1953 में एलिजाबेथ द्वितीय की ताजपोशी के लिए बनाया गया था.
ऐसी होगी किंग की पोशाक
किंग चार्ल्स III के रोब में उनका नया मोनोग्राम लेटर 'सी' और 'रेक्स' लिखा होगा. इसमें लेटर सी का मतलब चार्ल्स से है तो रेक्स (Rex) का मतलब लैटिन में किंग से है. इसमें लेटर सी और रेक्स आपस में जुड़े होंगे और तीन आई (I) इसके अंदर उकेरा होगा. इसके बाद ताजपोशी समारोह के बाद और एबे छोड़ते वक्त रोब्स ऑफ एस्टेट पहना जाएगा.
इस पोशाक के डिजाइन अधिक निजी होंगे. किंग चार्ल्स तीसरे के पहने जाने वाले दो पोशाकें उनके दादा किंग जॉर्ज VI ने 1937 में राज्याभिषेक के समय पहने थे. शाही खानदान के मुताबिक, " किंग की पोशाक पर उनके प्रकृति और पर्यावरण के प्यार को देखते हुए मधुमक्खियों और झींगुर सहित कीड़े भी उकेरे गए हैं. जो ताजपोशी में इस तरह की पहली पोशाक है." किंग चार्ल्स अपनी पर्यावरण सक्रियता के लिए दुनिया में मशहूर हैं.
क्वीन कंसोर्ट की पोशाक भी शानदार
किंग की पोशाके "हैंड-मी-डाउन" हो सकता है. इसका मतलब पहले पहनी गई पोशाकों से हैं, लेकिन क्वीन कंसोर्ट का नया रोब ऑफ एस्टेट बैंगनी मखमल में बिल्कुल नया है. इसे रॉयल स्कूल ऑफ नीडलवर्क ने डिजाइन किया और उसी ने इस पर कढ़ाई की है. इसे मशहूर एडे और रेवेन्सक्रोट (Ede And Ravenscrot) ने बनाया है. ये खुद को लंदन में सबसे पुराना दर्जी कहता है.
इस पोशाक में सोने के रंग के धागे से कई फूलों के डिजाइन की कढ़ाई की गई है. इसमें घाटी की लिली भी शामिल है. ये रानी एलिजाबेथ द्वितीय का पसंदीदा फूल था, वहीं डेल्फीनियम राजा के पसंदीदा फूलों में से एक है और क्वीन कंसोर्ट के जन्म के जुलाई महीने का फूल भी है.