बीजिंग: चीन के शहर वुहान में कोरोना वायरस से मरने वालों की तादाद में भारी उछाल देखने को मिला है. वुहान में वायरस से मरने वालों की संख्या में 50 फ़ीसदी से अधिक का उछाल देखने को मिला है. चीन के वुहान से ही सबसे पहले कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आए थे. वुहान में कोरोना वायरस के कारण संख्या 50 फीसदी से बढ़कर 3,869 हो गई है.  सूबे में कुल मामलों की संख्या में 325 नए मामले जुड़ने के बाद यह संख्या अब 50, 333 हो गई है . वहीं मरने वालों की संख्या 1,290 से बढ़कर 3,869 हो गई है. आपको बता दें कि यह 50 प्रतिशत से अधिक की छलांग है.


वुहान के अधिकारियों द्वारा 16 अप्रैल को जारी आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, मरने वालों की संख्या में वृद्धि के चार विशिष्ट कारण हैं.  इस बीमारी ने 2,172,000 से अधिक लोगों को संक्रमित किया है और वैश्विक स्तर पर 146,201 लोग मारे गए हैं.  अधिसूचना में डेटा विसंगतियों के चार कारण बताए गए हैं.  चीन की ओर से बताए गए कारणों में सबसे पहला है कि महामारी के प्रारंभिक चरण में रोगियों की बढ़ती संख्या ने चिकित्सा संसाधनों और चिकित्सा संस्थानों की प्रवेश क्षमता पर असर डाला. कुछ रोगियों को अस्पतालों में इलाज किए बिना घर पर ही मृत्यु हो गई.


दूसरा कारण बताया है कि अस्पताल अपनी क्षमता से अधिक लोगों का इलाज कर रहे थे. वो लगभग हर किसी को बचाने की कोशिश कर रहे थे. ऐसे में कोरोना वायरस के मामलों की ग़लत रिपोर्टिंग भी हुई. चीन के अनुसार तीसरा कारण है कि वहां रोगियों की तादाद में तेज़ी से इज़ाफ़ा देखा गया. ऐसे में हुबेई प्रांत के वुहान शहर के वो अस्पताल जो या तो प्राइवेट हैं या फिर किसी कंपनी से संबद्ध हैं उनमें भी इलाज की शुरूआत की गई. ऐसे में वो महामारी सूचना नेटवर्क से जुड़ नहीं पाए थे. इसके साथ ही समय पर उनके डेटा को भी रिपोर्ट नहीं कर सके थे.


चौथा मृतक रोगियों में से कुछ की पंजीकृत जानकारी अधूरी थीं और रिपोर्टिंग में दोहराव और गलतियां थीं. कोरोना वायरस के कारण वुहान और चीन में वास्तविक मौत पर कुछ पश्चिमी देशों ने सवाल उठाए हैं. वहीं चीनी अधिकारियों ने संक्रामक रोगों की रोकथाम और उपचार पर पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के कानून के अनुच्छेद 38 के तहत अधिसूचना जारी की है, जो यह निर्धारित करती है कि ‘संक्रामक रोगों की महामारी की स्थिति की सूचना समय पर और सटीक तरीके से जारी की जाएगी’.