लंदन: ब्रिटेन की ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी ने कोरोना की वैक्सीन बना ली है. जानवरों पर ये वैक्सीन कामयाब रही है. अब इंसानों पर इस वैक्सीन का असर परखने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी ह्यूमन ट्रायल शुरू किया गया है. ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने पहले चिंपाजी में मौजूद एडेनवायरस की मदद से एक वैक्सीन तैयार किया. अब इसी वैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू हो चुका है. गुरुवार को ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी में दो वालंटियर को वैक्सीन की पहली डोज दी गई. इस वैक्सीन का नाम 'ChAdOx1 nCoV-19' है.


ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन ट्रायल है. ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, ''ऑक्सफर्ड में हम कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के लिए एडेनवायरस के जीन का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसी प्रक्रिया से तैयार दूसरी वैक्सीन का पहले भी हजारों लोगों पर इस्तेमाल हुआ है, इसलिए हमारे पास पहले से ही काफी डेटा है.''


ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक पहले चरण में ब्रिटेन में 165 अस्पतालों में करीब 5 हजार मरीजों पर एक महीने तक और इसी तरह से यूरोप और अमेरिका में सैकड़ों लोगों पर इस वैक्सीन का परीक्षण करेंगे जिसके नतीजे जून में आएंगे.


प्रोफेसर एंड्रयू पोलार्ड ने बताया, ''हम लोगों की सेहत को लेकर काफी सतर्क हैं. हमें अपने पहले के अनुभव से पता है कि हमारे कुछ वालंटियर को पहले दिन बुखार, हाथ में सूजन, सिर दर्द, फ्लू की शिकायत होगी, लेकिन ये चिंता की बात नहीं.''


ऑक्सफर्ड की वैक्सीन का सबसे पहले युवाओं पर परीक्षण किया जा रहा है. अगर ये सफल रहा तो बच्चे और बूढ़ों पर वैक्सीन का परीक्षण किया जाएगा. हाल ही में ब्रिटेन ने कोरोना की काट खोजने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया. ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी की इस वैक्सीन प्रोजक्ट को भी सरकार की तरफ से करीब एक सौ तीस करोड़ रुपये की राशि मुहैया कराई गई है. अगर ये ह्यूमन ट्रायल सफल रहा तो सितंबर तक कोरोना वैक्सीन की पहली खेप बाजार में आ जाएगी.


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