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Coronavirus: भारतीय मूल के डॉक्टर के अभियान के बाद ब्रिटिश सरकार ने बदले दिशानिर्देश
कोरोना वायरस के संक्रमितों का इलाज कर रहे चिकित्सा पेशेवरों के समक्ष पीपीई का मुद्दा उठा रहे भारतीय मूले के डॉक्टर को सफलता हासिल हुई है.
लंदन: भारतीय मूल के डॉक्टर निशांत जोशी के अभियान के चलते ब्रिटिश सरकार को पूर्व में जारी निर्देशों में बदलाव करना पड़ा है. जोशी ब्रिटेन के अस्पतालों में कोविड-19 का इलाज कर रहे चिकित्सा पेशेवरों के बेहतर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) मुहैया कराने के लिए अभियान चला रहे हैं. उन्होंने शुक्रवार को ब्रिटिश सरकार के दिशानिर्देश का स्वागत किया जिसमें सर्जिकल मास्क को अनिवार्य किया गया.
पिछले कई हफ्ते से 31 वर्षीय डॉ.जोशी सोशल मीडिया का इस्तेमाल राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (एनएचएस) के अंतर्गत कोरोना वायरस के संक्रमितों का इलाज कर रहे चिकित्सा पेशेवरों के समक्ष पीपीई की कमी का मुद्दा उठाने के लिए कर रहे हैं. वह चिकित्सा कर्मियों के बेहतर सुरक्षा उपकरणों के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश देने की मांग कर रहे हैं.
दक्षिण पूर्व इंग्लैंड के बेडफोर्डशायर में डॉक्टर ने कहा, ‘‘यह बड़ी जीत है आपने ध्यान दिया कि हमने पीपीई की लड़ाई जीत ली है. सरकार ने दिशानिर्देशों को अद्यतन किया है और जो मुद्दे उठाए गए थे उनके प्रति पहले के रुख से यूटर्न लिया है- जैसे अस्पताल में सभी जगह सर्जिकल मास्क और मरीजों से संपर्क के दौरान कम से कम एफएफपी-2 मास्क का इस्तेमाल.’’
डफोर्डशायर के एनएचएस अस्पताल के आपाकालीन सेवा में कार्यरत जोशी ने सवाल किया कि क्यों नहीं सरकार ने शुरू में ही ऐसे नियम बनाए.
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प्रेम कुमारJournalist
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