Covid-19 Pandemic: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक बार फिर चीन पर कोरोनावायरस की उत्पत्ति के बारे में डेटा शेयर करने का दबाव डाला है. डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्येयियस ने कहा कि चीन ने हमसे कोरोना को लेकर जानकारी शेयर नहीं की है, जिसकी वजह से आधे-अधूरे आंकड़ों के साथ सभी परिकल्पनाएं अधर में लटकी हुई हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस बयान के जवाब में चीन ने WHO से जानकारी मांगने को लेकर निष्पक्ष जांच की मांग की थी. इसके अलावा चीन के स्वास्थ्य अधिकारी शेन होंगबिंग (Shen Hongbing) ने WHO को चेतावनी दी थी कि वो दूसरे देशों का दूल न बने वायरस की उत्पत्ति को लेकर राजनीति से बचें.
घेब्येयियस ने वायरस की उत्पत्ति के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, "चीन के पास जो जानकारी है, उस तक पूरी पहुंच के बिना आप कुछ नहीं कह सकते. हम चीन से इस पर सहयोग करने के लिए इसलिए कह रहे हैं जिससे हमें पता चलेगा कि क्या हुआ और कैसे शुरू हुआ. CNA की रिपोर्ट के अनुसार घेब्येयियस ने बताया कि इस वायरस की पहचान पहली बार दिसंबर 2019 में चीनी शहर वुहान में हुई थी. जिसके बाद यह दुनिया भर में फैल गया और लगभग 7 मिलियन लोग मारे गए. इसके अलावा WHO प्रमुख ने चिंता व्यक्त की कि अगर चीन डेटा प्रदान नहीं करता है तो इस वायरस की उत्पत्ति का कभी पता नहीं चल पाएगा.
कोरोना वायरस को लेकर हैं कई थ्योरी
मीडिया जानकारी के मुताबिक कई रिपोर्टों ने यह कहा है कि वायरस चीन से उत्पन्न हुआ है. साथ ही कई लोगों का आरोप है कि वुहान के पास जानवरों का बड़ा बाजार है जहां खुली जगह पर चमगादड़ और अन्य जानवर बेचे जाते हैं, जिसकी वजह से ये पैदा हुआ था. इसके अलावा कई रिपोर्टों ने दावा किया कि यह वायरस एक ही जगह से निकला था. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक टीम ने भी घटनास्थल का दौरा किया, लेकिन उसने बीजिंग के खिलाफ कोई ठोस रिपोर्ट पब्लिश नहीं की. साथ ही कई बार चीन ने भी इन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है.
WHO की डॉ. मारिया वान केरखोव ने कहा कि नई चीनी जानकारी से उत्पत्ति पर कोई खास जवाब नहीं पता चले हैं. उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ अब वैज्ञानिकों के साथ काम कर रहा है, जिससे 2019 के शुरुआती मामलों के बारे में और पता लगाया जा सके. इससे पहले फरवरी में यूनाइटेड स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ एनर्जी लीक की थ्योरी का पुनर्मूल्यांकन किया और दावा किया कि वायरस 2019 में चीन के वुहान शहर की एक लैब से लीक हुआ था. साथ ही अमेरिका ने दावा किया कि चीन ने इसे "जानबूझकर" नहीं बताया, जिसकी वजह से दुनिया भर में करोड़ो लोगों की मौत हुई.
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