कोरोना वायरस ने बदला दस्तावेज के नियम, क्या 'वैक्सीन पासपोर्ट' की कल्पना होगी साकार?
निकट भविष्य में यात्रा के लिए डिजिटल दस्तावेज की जरूरत पड़ सकती है. इससे पता चलेगा कि यात्री ने कोविड-19 वैक्सीन का डोज लिया है या नहीं या उसने कोरोना वायरस की जांच करवाई है या नहीं.
सरकारों और यात्रा उद्योग के बीच एक नई परिभाषा 'वैक्सीन पासपोर्ट' शब्दकोश में शामिल हो गई है. राष्ट्रपति बाइडेन के एक कार्यकारी आदेश का मकसद महामारी पर रोक लगाना है और सरकारी एजेंसियों को टीकाकरण दस्तावेज के साथ कोविड-19 वैक्सीन सर्टिफिकेट और उसे डिजिटली शक्ल में पेश करने के लिए जोड़ने की 'संभावना का मूल्यांकन' करना है.
निकट भविष्य में यात्रा के लिए डिजिटल दस्तावेज
डेनमार्क की सरकार ने कहा है कि चंद महीनों में डिजिटल पासपोर्ट लॉन्च किया जाएगा जिससे नागरिकों को टीकाकरण से जुड़ी जानकारी दिखाने की अनुमति होगी. न सिर्फ सरकारें वैक्सीन पासपोर्ट का सुझाव दे रही हैं. कुछ महीनों में एत्तिहाद एयरवेज और अमीरात डिजिटल ट्रैवेल पास इस्तेमाल करना शुरू करेगा. उसको इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने विकसित किया है. उससे यात्रियों को अपनी यात्रा योजनाओं को प्रबंधन में मदद मिलेगी.
इसके अलावा विमान और सरकारों को दस्तावेज मुहैया होगा जिसमें टीकाकरण और कोरोना वायरस जांच से जुड़ी जानकारी होगी. अभी चुनौती एक दस्तावेज या एप बनाने की है जो दुनिया भर में मान्य हो, जिससे निजता की सुरक्षा मिले और आसानी से लोगों तक पहुंच संभव हो सके.
क्या है डिजिटल वैक्सीन पासपोर्ट की वर्तमान स्थिति? टीकाकरण पास या पासपोर्ट दस्तावेज है जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि आपने कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन से सुरक्षा हासिल कर ली है. कुछ वर्जन से ये भी लोगों को दिखाने की अनुमति मिल जाएगी कि कोरोना वायरस की जांच में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है, और इसलिए ज्यादा आसानी से यात्रा कर सकते हैं. वर्जन पर विमान, उद्योग जगत, गैर लाभकारी और टेक्नोलॉजी कंपनियां अब काम किया जा रहा है. ये प्रक्रिया को जिडिटल बनाने का प्रयास होगा जिससे लोगों के लिए यात्रा ज्यादा आसान हो जाएगी और विभिन्न देशों के चेकप्वाइंट्स पर अलग-अलग कागजात और दस्तावेज निकालने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
मिसाल के तौर पर आईबीएम अपना खुद का डिजिटल हेल्थ पास विकसित रही है जिससे लोग टीकाकरण का सबूत या निगेटिव रिपोर्ट पेश करने में सक्षण होंगे और उसके जरिए सार्जनिक स्थल जैसे स्टेडियम, यूनिवर्सिटी, कार्य स्थल में दाखिल होने की अनुमति मिल जाएगी. आईबीएम के पास में तापमान की जांच, वायरस संक्रमण का नोटिफिकेशन, जांच के नतीजे और वैक्सीन की स्थिति जैसे डेटा को शामिल किया जा रहा है.
विश्व आर्थिक मंच और स्विटजरलैंड की एक गैर लाभकारी संस्था कॉमन प्रोजेक्ट फाउंडेशन कॉमनपास के नाम से एक डिजिटल हेल्थ पासपोर्ट की जांच कर रहे हैं, जिससे यात्रियों को टेस्टिंग की सुविधा या टीकाकरण संबंधी जानकारी हासिल करने का रास्ता साफ होगा. पास में शामिल क्यूआर कोड को अधिकारियों को दिखाया जा सकेगा.
हिंद महासागर की घटती टूना को बचाने के लिए बातचीत शुरू, 30 देश हुए बैठक में शामिल