तंजानिया: विपक्ष का आरोप- कोरोना से इंकार करने वाले राष्ट्रपति अब भारत में करवा रहे इलाज, स्थिति गंभीर
विपक्षी नेता टुंडु लिसु ने कहा है कि राष्ट्रपति को केन्या के अस्पताल से भारत ले जाया गया है और उनकी स्थिति गंभीर है.तंजानिया के राष्ट्रपति जॉन मगुफुली पर आरोप है कि उन्होंने कोविड-19 महामारी के खतरे को कमतर आंकते हुए वैक्सीन को पश्चिमी देशों की साजिश बताया था.
तंजानिया के मुख्य विपक्षी नेता ने राष्ट्रपति जॉन मगुफुली के स्वास्थ्य पर सनसनीखेज खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि करीब दो हफ्तों से सार्वजनिक दृश्य से बाहर कोरोना वायरस संदिग्ध राष्ट्रपति भारत में कोविड-19 का इलाज करवा रहे हैं और उनकी स्थिति गंभीर है.
तंजानिया के मुख्य विपक्षी नेता का सनसनीखेज खुलासा
मगुफुली के हाथों पिछले चुनाव में पराजित होनेवाले टुंडु लिसु ने गुरुवार को केन्या के मेडिकल और सुरक्षा सूत्रों के हवाले से दावा किया कि राष्ट्रपति को केन्या के अस्पताल से ट्रांसफर कर भारत ले जाया जा चुका है और कोमा में हैं, लेकिन उन्होंने अपने दावे के समर्थन में सबूत मुहैया नहीं कराए.
तंजानिया के सरकारी प्रवक्ता 61 वर्षीय मगुफुली के ठिकाने और स्वास्थ्य पर कई दिनों से लगाए जा रहे अनुमान के बारे में खामोश रहे हैं. 'बुलडोजर' के उपनाम से मशहूर मगुफुली को पिछली बार 27 फरवरी को सरकारी कार्यक्रम में देखा गया था. लिसु ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि मगुफुली को केन्या के नैरोबी अस्पताल से इस सप्ताह के शुरू में भारत के अज्ञात स्थान पर ले जाया गया.
पड़ोसी देश केन्या के अखबार नेशन ने अज्ञात राजनीतिक और राजनयिक सूत्रों के हवाले से बुधवार को एक अफ्रीकी नेता के राजधानी नैरोबी के एक निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर कोविड-19 का इलाज कराने की बात कही थी, मगर उसने नाम नहीं बताया था. भारत के विदेश मंत्रालय और नैरोबी में उसके उच्चायोग ने तत्काल टिप्पणी नहीं की.
Latest update from Nairobi: The Man Who Declared Victory Over Corona “was transferred to India this afternoon.” Kenyans don’t want the embarrassment “if the worst happens in Kenya.” His COVID denialism in tatters, his prayer-over-science folly has turned into a deadly boomerang! pic.twitter.com/DyXYYbIvdd
— Tundu Antiphas Lissu (@TunduALissu) March 10, 2021
राष्ट्रपति पर कोविड-19 का मजाक उड़ाने का आरोप
मगुफुली ने तंजानिया में कोविड-19 के खतरे को ये कहते हुए कम करने की कोशिश की थी कि भगवान और इलाज जैसे भाप से सांस लेना तंजानिया के लोगों की रक्षा करेंगे. उन्होंने कोरोना वायरस टेस्ट का मजाक उड़ाते हुए वैक्सीन को खतरनाक और पश्चिमी देशों की साजिश बताया था. इसके अलावा, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का भी विरोध किया था.
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