अमेरिका में हाइड्रो क्सीक्लोरोक्वीन दवा का परीक्षण नाकाम साबित हुआ है. विशेषज्ञों को इलाज के नतीजे उम्मीद के मुताबिक नहीं मिले. विपरीत नतीजे सामने आने के बाद उन्होंने चेतावनी जारी कर दवा से परहेज बरतने को कहा है.
दुनिया कोरोना वायरस महामारी से कराह रही है. वैज्ञानिक इलाज ढूंढने में सबसे तेजी दिखा रहे हैं. मेडिकल साइंस के सामने पैदा हुई चुनौतियों को हल करने में विशेषज्ञ लगे हुए हैं. जानलेवा वायरस से पैदा हुए संकट के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोविड-19 के इलाज में मलेरिया की दवा हाइड्रो क्सीक्लोरोक्वीन के कारगर होने का दावा कर दुनिया को चौंका दिया था. इसके बाद कई देशों ने इस दवा का परीक्षण करना शुरू कर दिया. मगर चंद दिनों में ही रोगियों पर इस दवा के ट्रायल से पता चला कि ये नुकसानदेह है. यानी बजाय फायदा पहुंचाने के ये दवा कोविड-19 मरीजों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है. उसके बाद उन्होंने इस दवा का इस्तेमाल बंद कर दिया. खुद अमेरिका में हाइड्रो क्सीक्लोरोक्वीन दवा का परीक्षण दावे के ठीक विपरीत साबित हुआ.
मेल ऑनलाइन के मुताबिक अमेरिकी विशेषज्ञों के किए गए शोध से खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस के मरीजों को हाइड्रो क्सीक्लोरोक्वीन दवा देने पर वायरस के कारण मरीज की मौत की आशंका बढ़ जाती है. शोध में शामिल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के विशेषज्ञों ने 368 रोगियों का हाइड्रो क्सीक्लोरोक्वीन के जरिए इलाज करने की कोशिश की. जबकि उतनी संख्या यानी 368 कोविड-19 रोगियों का स्टैंडर्ड तरीके पर इलाज किया. दोनों तरीके से इलाज करने पर पता चला कि जिन मरीजों को हाइड्रो क्सीक्लोरोक्वीन दिया जा रहा उनमें 28 फीसद की मौत हो गई. जबकि स्टैंडर्ड तरीके से जिनका इलाज हो रहा था उनमें सिर्फ 11 फीसद मरीजों की जान गई. शोध में हाइड्रो क्सीक्लोरोक्वीन दवा से मरीजों को अतिरिक्त नुकसान उठाने का पता चला. शोध में शामिल सभी बुजुर्ग थे और दोनों ग्रुप में आयु का अनुपात लगभग बराबर-बराबर था. नतीजे सामने आने के बाद अमेरिकी विशेषज्ञों ने दवा के बारे में चेतावनी जारी कर दी है. इसके अलावा अस्पतालों को दवा के इस्तेमाल से दूर रहने की हिदायत भी दी है.
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