कोरोना का कहर: देश इस वक्त संकट से गुजर रहा है. जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश में ऐसा कहर बरपाया है जिससे लाशों के ढेर लग गए हैं. शमशान घाट और कब्रिस्तान भर गए हैं. स्थिति इतनी भयावह हो चली है कि अब मजबूरी में अपनों को भी अपनों का साथ छोड़ना पड़ रहा है. ऐसे में अब पुलिस लोगों का अंतिम संस्कार कर रही है.


लोग फोन करके मांग रहे पुलिस से मदद


हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, लेह में तैनात सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल ने दिल्ली पुलिस को फोन करके अपने ससुर के दाह संस्कार में मदद मांगी, जो द्वारका में रहते थे. उनका कोरोना की वजह से निधन हो गया था. इसके बाद पुलिसकर्मियों का एक दल सामने आया और पीपीई किट्स पहन कर बुजुर्ग शख्स का हिंदू रीति-रिवाज के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार किया.


इतना ही नहीं पुलिस ने कई अन्य लोगों के लिए भी अंतिम संस्कार की व्यवस्था की, जो अकेले रहते थे. इनके कुछ लोग ऐसे भी थे, जिनके परिवार वाले कोरोना के डर से दूर हो गए.


शनिवार को दर्ज किए गए दो मामलों में दिल्ली पुलिस ने द्वारका में अपने भाई के अनुरोध पर एक महिला का अंतिम संस्कार किया. वहीं, अन्य मामला करोल बाग का है, जहां पुलिस ने एक बुजुर्ग दंपति के दाह संस्कार की व्यवस्था की. इनकी मौत कोरोना से हुई थी.


यूपी के मथुरा में पुलिस ने दिया कंधा


उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में भी पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश की है. पुलिसकर्मियों ने एक शख्स की मौत पर उसकी अर्थी को कंधा दिया. दरअसल, गोवर्धन कस्बे के एक व्यक्ति की तेज बुखार से मृत्यु हो जाने के बाद उसके पड़ोसी केवल इस डर से अर्थी को कंधा देने नहीं पहुंचे कि कहीं व्यक्ति की मौत कोरोना से न हुई हो. ऐसे में मृतक की बेटी ने थाने पहुंचकर रोते हुए गुहार लगाई. इस पर इंस्पेक्टर सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मियों ने उसके घर पहुंचकर अर्थी को न केवल श्मशान घाट तक पहुंचाया, बल्कि विधि-विधान पूर्वक अंतिम संस्कार सम्पन्न कराने तक उसका पूरा साथ दिया.


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