श्रीलंका में स्वंयभू धर्म गुरू ने कोविड की 'करिश्माई दवा' बनाने का किया दावा, औषधि का इस्तेमाल कर अस्पताल पहुंचे मंत्री
श्रीलंका में एक स्वंयभू धर्मगुरू ने कोरोना वायरस के खिलाफ 'करिश्माई दवा' का दावा किया है. उसका कहना है कि उसकी औषधि बीमारी के खिलाफ रक्षा कर सकती है. लेकिन उसका दावा उस वक्त झूठा साबित हो गया जब एक मंत्री को अस्पताल पहुंचना पड़ा. जहां जांच में उनकी रिपोर्ट कोरोना वायरस पॉजिटिव निकली. हालांकि, सरकार ने मामले से खुद को अलग कर लिया है.
Coronavirus: वैज्ञानिक और स्वास्थ्य विशेषज्ञ खतरनाक कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन का उत्पादन करने में व्यस्त हैं. इस बीच, श्रीलंका में एक स्वंयभू 'धर्मगुरु' ने वायरस का इलाज ढूंढ निकालने की सनसनीखेज बात कही है. हालांकि, उसका दावा उस वक्त गलत साबित हो गया जब उसकी 'चमत्कारी औषधि' पीने के बाद मंत्री में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई. 'धर्म गुरू' ने दावा किया था कि उसकी 'चमत्कारिक दवा' कोरोना वायरस से सुरक्षा दिला सकती है. लेकिन उसकी दवा इस्तेमाल करने के बाद एक मंत्री को अस्पताल पहुंचने की नौबत आ गई.
'धर्म गुरू' ने कोरोना वायरस का इलाज ढूंढने का किया दावा
महिला एवं बाल विकास मंत्री पियल निशांता डी सिल्वा ने उसकी बातों पर विश्वास कर दवा पीने का फैसला किया. लेकिन, मिश्रण सेवन करने के साथ ही मंत्री को अस्पताल पहुंचाया गया जहां कोरोना वायरस की जांच में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. ना सिर्फ सिल्वा पर मिश्रण की प्रतिक्रिया हुई बल्कि दूसरे नेता के पारिवारिक सदस्य भी औषधि पीने के बाद पॉजिटिव पाए गए. धर्म गुरू धमिका बंदारा का दावा था कि उसे सीरप का फॉर्मूला हिंदू देवी काली से सीधे हासिल हुआ है.
श्रीलंका में मंत्री 'करिश्माई दवा' पीने के बाद पाए गए पॉजिटिव
लेकिन सीरप में शहद और जायफल मिलाने का उसका अपना विचार था. हालांकि, श्रीलंका की सरकार ने स्वंयभू धर्म गुरू से अपने संबंध को अलग करने की कोशिश की है. मास मीडिया मंत्री केहेलिया रम्बुकवेल्ला ने कहा, "हालांकि कुछ सांसदों ने औषधि का इस्तेमाल किया है, लेकिन सरकार उसका समर्थन नहीं करती है." पिछले महीने, हजारों लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग के उपायों और घर में रहने के आदेश की अवहेलना कर बंदारा के गांव पहुंचे थे और 'करिश्माई औषधि' का कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल किया था.