Coronavirus New Strain: कोरोना के नए वैरिएंट से लड़ सकती है फाइजर की वैक्सीन, नतीजों से मिला संकेत
फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन कोरोना वायरस की नई और पुरानी किस्मों के खिलाफ भी असरदार है. गुरुवार को कंपनी ने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास मेडिकल ब्रांच के साथ संयुक्त परीक्षण के नतीजों को जारी कर दिया.
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Coronavirus new strain: फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में उजागर हुए कोरोना वायरस की नई किस्म के खिलाफ भी पहले की किस्मों जैसी प्रभावी है. गुरुवार को कंपनी ने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास मेडिकल ब्रांच के साथ संयुक्त परीक्षण के नतीजों को जारी कर दिया. कंपनी ने वैक्सीन के प्रतिरोध को लैब में तैयार कोरोना वायरस की नई किस्म के खिलाफ जांचा.
फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन का परीक्षण के हवाले से बड़ा खुलासा
नतीजे से पता चला कि नई किस्मों से वैक्सीन की वायरस को नकारा बनाने की क्षमता में कोई गिरावट नहीं हुई. ये दोनों नई किस्में पूर्व के मुकाबले ज्यादा संक्रामक लगते हैं, जिसके नतीजे में दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन में नए मामलों की संख्या हाल के दिनों में तेजी से बढ़ी है. बुधवार को ब्रिटेन में कोविड-19 के 62 हजार 322 और दक्षिण अफ्रीका में 21 हजार से ज्यादा मामले दर्द किए गए. हालांकि, अभी ऐसे सबूत नहीं मिले हैं जिनसे साबित हो कि नई किस्म के नतीजे में बीमारी की गंभीरता बढ़ जाती है. लेकिन उनके ज्यादा संक्रामक होने से चिंता जरूर बढ़ी है.
कोरोना वायरस की नई और पुरानी किस्मों पर भी पाया गया प्रभावी वैज्ञानिकों ने ये चिंता भी जाहिर की है कि दक्षिण अफ्रीका में पहचान में आई नई किस्म में एक म्यूटेशन वैक्सीन के खिलाफ ज्यादा प्रतिरोधी बन सकता है. हॉन्ग कॉन्ग यूनिर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ से जुड़े प्रोफेसर लिओ पून लिट मैन ने बताया कि टेक्सास यूनिवर्सिटी का परीक्षण शुरुआती है और उसमें बहुत कम तादाद में वॉलेंटियर को शामिल किया गया, मगर नतीजे फाइजर की टीम के लिए हौसला बढ़ानेवाले हैं. उन्होंने कहा, "सैंपल का आकार छोटा है मगर वास्तविकता है. दुनिया के कई जगहों पर फाइजर की वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा, जिसका मतलब है कि 'कुछ उचित स्तर तक लोगों को सुरक्षा मिल रही है."टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि परीक्षण के लिए लैब में तैयार वायरस की नई किस्म का इस्तेमाल किया गया जो नई किस्म में पाए जानेवाले म्यूटेशन की नकल पूरी तरह नहीं कर सका, जिसके चलते नतीजे को सीमित करार दिया जा सकता है. 7 जनवरी को विश्व स्वास्थ्य संगठन के हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम डायरेक्टर माइक रियान ने कहा कि पता लगाने का काम जारी है कि वैक्सीन नई किस्म के खिलाफ कितनी प्रभावी है, लेकिन अब तक सबूत भरोसा बढ़ानेवाले हैं. उन्होंने बताया कि जहां तक डेटा का सवाल है तो ये वैक्सीन प्रभावी है और फिलहाल ज्यादा चिंता की बात नहीं.
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