इस्लामाबाद: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी जद में ले लिया है. चीन में दिसंबर के महीने में पहला मामला आया था और अब तक 135 देशों के डेढ़ लाख से अधिक लोग इससे संक्रमित हैं, 6000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. पाकिस्तान की बात करें तो यहां 183 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. इनमें सिंध में 150, इस्लामाबाद में 2, खैबर पख्तूनख्वा में 15, पंजाब में एक, बलूचिस्तान में 10 और गिलगित-बाल्टिस्तान में पांच मामले सामने आए हैं.


पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है और 131 मामले सामने आए हैं. पाकिस्तान में बढ़ते कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज उच्चस्तरीय बैठक बुलाई.


इस बैठक के बाद पाकिस्तान के स्वास्थ्य राज्य मंत्री जफर मिर्जा ने कहा कि सरकार कोरोनो वायरस के बढ़ते दायरे के मद्देनजर स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए है और उचित कदम उठा रही है.


कोरोना वायरस को लेकर पाकिस्तान को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. द नेशन की खबर के अनुसार, पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीआईएमएस) में बचाव के बुनियादी संसाधन तक उपलब्ध नहीं हैं, जिस वजह से यहां डॉक्टर भी सुरक्षित नहीं हैं. रविवार को कोरोना संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति को वेंटिलेटर पर लेकर जाने वाले दो डॉक्टरों को ही एकांतवास में रखना पड़ा है.


रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉक्टरों की सुरक्षा के साथ समझौता किया जा रहा है, क्योंकि अस्पताल में सेवारत लगभग 800 मेडिकल स्टाफ के लिए पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट (पीपीई) भी पर्याप्त तौर पर उपलब्ध नहीं हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल के कुछ वार्डो में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए हाथ धोने के लिए सेनेटाइजर की भी कमी है.


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