सिडनी: ऑस्ट्रेलिया में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को लॉकडाउन चल रहा है. ऐसे में लोगों को घरों पर ही रहना पड़ रहा है. इस दौरान अप्रैल की शुरूआत में कराए गए एक पोल से खुलासा हुआ है कि ऑस्ट्रेलिया के लोगों की शराब पीने की आदत में इजाफा हुआ है. जहां एक तरफ शराब पीने वालों संख्या बढ़ी है तो वहीं कुछ लोगों ने लॉकडाउन के दौरान रोज शराब पीना शुरू कर दिया है.


दरअसल ऑस्ट्रेलिया में एक नॉन प्रॉफिट संस्था फाउंडेशन फोर एल्कोहल रिसर्च एंड एजुकेशन (FARE) की ओर से एक पोल कराया गया. यह पोस अप्रैल की शुरूआत में कराया गया था. इस पोल के आंकड़ों के अनुसार लॉकडाउन के कारण शराब की खरीददारी में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है. लोगों ने शराब का स्टॉक कर लिया है. इसके अलावा शराब पीने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.


इस पोल के मुताबिक हर तीन ऑस्ट्रेलियाई लोगों में से एक रोजाना शराब का सेवन कर रहा है. वहीं FARE POLL में भाग लेने वाले लोगों में से 70 फीसदी लोगों ने माना कि लॉकडाउन के दौरान वह शराब पी रहे हैं. इन लोगों ने यह भी स्वीकार किया कि वह सामान्य दिनों की अपेक्षा लॉकडाउन में अधिक शराब पी रहे हैं. साथ ही तीन में एक ऑस्ट्रेलियाई रोजाना शराब पी रहा है.


पोल के आने के बाद इसे कराने वाली संस्था फाउंडेशन फोर एल्कोहल रिसर्च एंड एजुकेशन (FARE)  ने ऑस्ट्रेलिया की सरकार से अपील की है कि वह शराब की बिक्री को सीमित करने पर विचार करे. FARE का कहना है कि लोग लॉकडाउन के दौरान अधिक शराब पी रहे हैं. ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देकर इसे सीमित करने पर विचार करना चाहिए.


सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए बंद है सारे क्लब


कोरोना वायरस से बचाव के लिए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने को ऑस्ट्रेलिया में क्लबों को भी बंद करा दिया गया है. इसकी वजह से भी लोग परेशान हैं. 1965 में शुरू हुआ एक जर्मन-ऑस्ट्रेलियन क्लब कैबरमैटा भी इन दिनों बंद है. इस क्लब को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए इतने सालों में पहली बार बंद किया गया है. क्लब के सदस्य फ्रांज़ बाउवियर ने कहा कि वृद्ध लोगों के पास ऐसा समय व्यतीत करने के लिए क्लब ही एक बेहतर जगह हैं. ऐसे में क्लब के बंद होने से वे लोग परेशान हैं.


आपको बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में अभी तक कोरोना वायरस के कारण 6468 लोग संक्रमित हो गए हैं. वहीं अब तक इस जानलेवा वायरस से कारण 63 लोगों की मौत हो गई है. इस वायरस से 3 हजार से अधिक लोगों को रिकवर भी किया जा चुका है.