चीन से शुरू हुए कोरोना ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया है. दुनिया के 100 से ज्यादा कोरोना की चपेट में है. कोरोना का सबसे ज्यादा असर चीन के बाद इटली, ईरान, दक्षिण कोरिया, स्पेन, फ्रांस और अमेरिका में देखने को मिल रहा है. आपको बता दें कि कोरोना से बचाव को दुनिया के अलग-अलग देश कोरोना से बचाव को जरुरी कदम उठा रहे हैं. जानिए कोरोना से बचाव को कौन-सा देश क्या कदम उठा रहा है.


तापमान ठीक होने पर ही मिलेगी व्हाइट हाउस में एंट्री, स्विट्जरलैंड में उतारी सेना


कोरोना वायरस के कारण दुनिया में अब तक 1,56,438 संक्रमित हो चुके हैं. वहीं इस कातिल वायरस की वजह से 5832 लोगों की मौत हो चुकी है. इससे बचाव के लिए अमेरिका ने बाहरी नागरिकों की एंट्री पर रोक लगा दी है. वहीं राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने अमेरिका में इसे इमरजेंसी घोषित कर दिया है. अमेरिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को संक्रमण से बचाने के लिए व्हाइट हाउस आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के शरीर के तापमान की जांच करने का फैसला किया है.


इटली - यहां प्रशासन ने पहले ही लोगों के यात्रा करने सहित कई पाबंदियां लगा दी थीं लेकिन शनिवार को प्रशासन ने लोगों के पार्कों में घूमने पर भी रोक लगा दी. इससे पहले इटली सरकार ने लोगों को पार्क में एक मीटर की दूरी बनाकर टहलने और साइकिल चलाने की अनुमति दी थी लेकिन प्रशासन ने पाया कि कई लोग दूरी के नियम का अनुपालन नहीं कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि चीन के बाद इटली कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देश है जहां पर एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 15,000 से अधिक लोग संक्रमित हैं.


चेक गणराज्य - यूरोपीय देश चेक गणराज्य ने भी कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए शनिवार को अधिकतर दुकानें, रेस्तरां और पब को बंद करने के आदेश दिए. सरकार ने कहा कि यह पाबंदी 24 मार्च तक लागू रहेगी. चेक गणराज्य ने शुक्रवार को कहा था कि अब किसी विदेशी को देश में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी और सोमवार से किसी को देश छोड़ने की भी अनुमति नहीं होगी. सरकार पहले ही देश में स्कूल, सिनेमाघर, संग्रहालय बंद कर चुकी है और 30 से अधिक लोगों के एक साथ जमा होने पर रोक लगा चुकी है.


न्यूजीलैंड - दक्षिणी गोलार्द्ध के देश न्यूजीलैंड ने भी विदेश से आने वाले लोगों को 14 दिनों तक पृथक रखने की घोषणा की है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न ने शनिवार को यह घोषणा की. प्रधानमंत्री ने कहा कि स्व पृथक आदेश की 16 दिनों बाद समीक्षा की जाएगी.


वेनेजुएला - पहले से आर्थिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहे लातिन अमेरिकी देश वेनेजुएला भी कोरोना वायरस की चपेट में आया गया है. प्रशासन ने शुक्रवार को यहां पर कोरोना वायरस से संक्रमण के दो मामलों की पुष्टि की. वेनेजुएला के लिए यह नयी चुनौती है क्योंकि यहां के अस्पताल पहले ही पानी और साबुन सहित इलाज में इस्तेमाल होने वाले मूलभूत सामान की कमी का सामना कर रहे हैं.


स्विट्जरलैंड – यहां के सशस्त्र बलों ने शनिवार को कहा कि सेना कोरोना वायरस की महामारी से निपटने में मदद करने के लिए जवानों की तैनाती करने को तैयार है. बता दें कि देश में एक हजार से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. सेना प्रमुख थॉमस सुस्सली ने ट्वीट किया, ‘‘सेना सोमवार को अपने चार अस्पताल बटालियन में से एक की तैनाती कोरोना वायरस से निपटने में करेगी. यह बटालियन हमारी सुरक्षा और रक्षा के लिए तैनात होगी.’’


दक्षिण अफ्रीका - इस बीच, दक्षिण अफ्रीका ने कोरोना वायरस के संक्रमण के केंद्र रहे वुहान से दर्जनों नागरिकों को शनिवार को निकाला. किसी उप सहारा देश की ओर से अपने नागरिकों को निकालने का यह पहला मामला है. दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि उसने अपने 146 नागरिकों को वुहान से निकाला है जहां पर दो महीने से बंदी लागू है.


रूस - यहां भी विदेशियों के लिए पोलैंड और नार्वे से लगती जमीनी सीमा बंद करने का फैसला किया है. श्रीलंका में भी शनिवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के दो नए मामले आने के साथ देश में कुल मामलों की संख्या आठ हो गई है. फ्रांस में यूरोप के सबसे प्रभावित देशों में शामिल है. अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि पहली बार जेल में बंद एक कैदी के भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है. न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता निकोल बेलाउबेट ने बताया कि कि जब कैदी जेल में आया तब भी उसे सांस की समस्या थी.


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