दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण पर शोध चल रहा है. इस बीच वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना का वायरस हवा के जरिए भी फैल सकता है. उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पर इस सिलसिले में खतरे से बचाव के लिए चेतावनी नहीं जारी करने का आरोप लगाया है.


WHO से इतर वैज्ञानिकों का बड़ा दावा


वैज्ञानिकों ने कहा है कि कई अध्ययन से ये बात पता चली है कि हवा में कोरोना वायरस लंबे समय तक रह सकता है. यहां तक कि इंडोर में सोशल डिस्टेंसिंग के बावजूद संक्रमित शख्स से अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है. उनका कहना है कि तेजी से इसकी संक्रमित करने की क्षमता को देखते हुए इसको सुपर स्पेरेडर भी कहा जा चुका है. ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर लिडिया मोरोवस्का कहती हैं, "हमें इस बारे में 100 फीसद विश्वास है." उन्होंने पत्र के माध्यम से खतरे के प्रति आगाह करने में WHO पर विफल रहने का आरोप लगाया है. उनके पत्र पर 32 मुल्कों के 239 शोधकर्ताओं ने हस्ताक्षर किए हैं. जिसका प्रकाशन कुछ सप्ताह में वैज्ञानिक पत्रिका में होने वाला है.


हवा के जरिए भी फैल सकता है कोरोना 


WHO के अधिकारी भी मानते हैं कि वायरस का ट्रांसमिशन हवा के जरिए हो सकता है मगर उनका कहना है कि ये सिर्फ मेडिकल प्रोसीजर के दौरान होता है. WHO की तकनीकी प्रमुख डॉक्टर बेनडाटा अलग्रांजी ने कहा, "मोरोवस्का की टीम ने लैब आधारित प्रयोग की थ्योरी पेश की है ना कि सबूत आधारित. फिर भी हम ट्रांसमिशन संबंधी थ्योरी पर उनकी राय और योगदान का सम्मान करते हैं.


गौरतलब है कि अभी तक यही माना जाता था कि कोरोना वायरस का ट्रांसमिशन दो तरह से होता है. संक्रमित शख्स के छींक या खांसी की छींटों से या फिर किसी चीज के छूने से जिस पर वायरस चिपका हुआ हो. मगर अब इस बारे में वैज्ञानिकों का एक अन्य दावा सामने आया है.


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