बीजिंग: चीन में कोरोनावायरस की चपेट में आने से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है और करीब 300 लोग इससे प्रभावित हैं. इस मामले में शीर्ष नेताओं ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि वे ऐसे मामलों को दबाने की कोशिश न करें. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) भी इस खतरनाक बीमारी से लड़ाई के लिए इसे अंतरराष्ट्रीय जन स्वास्थ्य आपदा घोषित करने पर विचार कर रहा है.


चीन की सरकार एक करोड़ 20 लाख की आबादी वाले वुहान शहर से लोगों की आवाजाही पर नजर रख रही है जहां सार्स जैसे विषाणु का पहला मामला दिसंबर में सामने आया था.


इस बीमारी को लेकर बुधवार को डब्ल्यूएचओ ने आपातकालीन बैठक बुलाई है जिसमें इसे अंतरराष्ट्रीय लोक स्वास्थ्य आपदा घोषित करने पर विचार होगा- जैसा कि उसने स्वाइन फ्लू और इबोला के समय किया था. अगर ऐसी घोषणा की जाती है तो इसे लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया में समन्वय का तत्काल आह्वान किया जाएगा क्योंकि 24 जनवरी से शुरू हो रहे चीनी नव वर्ष और वसंत उत्सव की छुट्टियों के दौरान लाखों चीनी स्वदेश या अपने देश से दूसरे देश की यात्रा करेंगे.


इन लोगों की यात्रा से बीमारी के प्रसार का जोखिम कई गुना बढ़ जाएगा. भारत इस मामले में यात्रा परामर्श (ट्रेवल एडवाइजरी) जारी कर चुका है. भारत में सात हवाई अड्डों पर चीन से आने वाले यात्रियों की जांच के लिए व्यवस्था की गई है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोचीन हवाईअड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग के जरिए यात्रियों की जांच हो रही है.


बयान में कहा गया है कि हांगकांग समेत चीन के किसी भी हवाईअड्डे से देश में आने वाली उड़ानों के अंदर यह घोषणा करने को कहा गया है कि बुखार या सर्दी के लक्षण से ग्रस्त यात्री भारतीय हवाईअड्डों पर पहुंचने के फौरन बाद मौजूद अधिकारियों को जानकारी दे.


कोरोनावायरस के लक्षण
दरअसल, कोरोनावायरस (सीओवी) विषाणुओं के बृहत परिवार का सदस्य है जिसकी वजह से सामान्य सर्दी से लेकर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम जैसी बीमारियां हो रही हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि नए सीओवी की प्रजाति के लक्षण दिसंबर में वुहान में दिखने शुरू हुए थे और अबतक 300 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं. इससे ग्रस्त लोगों में सांस से जुड़ी समस्याएं, बुखार, खांसी आदि हैं.


ज्यादा गंभीर मामलों में संक्रमण की वजह से निमोनिया, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, गुर्दे खराब होना और मौत तक हो सकती है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक सीओवी विषाणुओं के ज्यादा बड़ी प्रजाति है जिसकी वजह से सामान्य सर्दी से लेकर मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एमईआरएस-सीओवी) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (एसएआरएस-सीओवी) जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं.


मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के निदेशक जी अरुण कुमार ने बताया, “शुरुआती तौर पर उपलब्ध आंकड़ों से संकेत मिलता है कि नए कोरोनावायरस-2019 (2019-एनसीओवी) एसएआरएस-सीओवी और एमईआरएस-सीओवी के मुकाबले कम मौतों का कारक है. इस बीमारी के लक्षण नजर नहीं आने से लेकर गंभीर प्रकृति तक के हो सकते हैं.”


इंसानों से इंसानों में इस विषाणु के प्रसार की पुष्टि के बाद दुनिया भर में इसे लेकर दुनिया के कई देशों में अलर्ट जारी किया गया है. थाईलैंड, जापान और दक्षिण कोरिया में इसके मामले सामने आए हैं. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोरोनावायरस संक्रमित जानवर से भी मनुष्यों में फैल सकता है.