सियोल: दुनिया भर कोरोना वायरस का कहर जारी है और अब तक इस बीमारी से 8000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इससे संक्रमित मरीजों की संख्या में दिन प्रति दिन इजाफा दिख रहा है. लेकिन दुखद बात ये है कि दक्षिण कोरिया में अंध विश्वास और लापरवाही के चलते कोरोना के संक्रमण के बढ़ने का एक बड़ा मामला सामने आया है.


दरअसल, मामला ये है कि इस वायरस को रोकने के लिए प्रार्थना सभा में मौजूद लोगों के मुंह पर खारे पानी का स्प्रे किया गया था, जिसके बाद सभा में आए लोगों में कोरोना वायरस के लक्षण देखे गए. सभा में मौजूद लोगों की माने तो ऐसा इसलिए हुआ क्यों कि स्प्रे के लिए दूषित बोतल का इस्तेमाल किया गया.


स्थानीय कोरोना वायरस टास्क फोर्स के प्रमुख ली ही-यंग का कहना है कि स्प्रे बोतल की नोक को सभा में मौजूद एक शख्स के मुंह में डाला गया जिसके बाद उसमें कोरोना वायरस की पुष्टि हुई. ली ही-यंग का ये भी कहना है कि अंध विशवास से प्रार्थना सभा में मौजूद लोगों के मुंह में खारा पानी डाला गया कि वो वायरस को खत्म कर देगा जो कि ऐसा नहीं हुआ बल्कि लोग वायरस की चपेट में आ गए. इस घटना के बाद चर्च को बंद कर दिया गया है और प्रार्थना सभा में मौजूद सभी लोगों को जांच के लिए अस्पताल में भेजा गया है.


आपको बता दें दक्षिण कोरिया में 74 नए केस और आए हैं, जिसके बाद कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 8,236 हो गई है. इनमें कुछ लोगों अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. दक्षिण कोरिया के प्रधानमंत्री चुंग साइ-क्यून ने देशवासियों से कहा कि माहौल अभी भी बहुत खराब है, हर तरीके की सावधानी को बरतने की जरूरत है. साथ ही सरकार वायरस से निपटने के लिए हर संभव प्रयास में जुटी है.


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