वॉशिंगटन: कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए वैक्सीन निर्माण का काम जोरों पर है. अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर और जर्मन फर्म बायोएनटेक ने अक्टूबर अंत या नवंबर की शुरुआत तक कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराए जाने की भविष्यवाणी की है. ये भविष्यवाणी बायोएनटेक के सीईओ और को-फाउंडर उगुर साहिन ने एक निजी न्यूज चैनल से इंटरव्यू में कही.


कंपनी ने वैक्सीन पर विश्वास जताते हुए कहा, "हां, हम मानते हैं कि हमारे पास एक सुरक्षित प्रोडक्ट है और हमें विश्वास है कि इसका असर होगा. हमें बार-बार बुखार का लक्षण नहीं दिखा है. इस परीक्षण में भाग लेने वालों में मामूली अनुपात में ही बुखार दिखा है. हमने सिरदर्द और थकान महसूस होने जैसे लक्षणों को भी कम देखा है. और जो लक्षण इस वैक्सीन के साथ देखे जाते हैं वे अस्थायी होते हैं. वे आमतौर पर एक या दो दिनों के लिए देखे जाते हैं और फिर चले जाते हैं."


साल के अंत तक 10 करोड़ खुराक का लक्ष्य
फाइजर और बायोएनटेक ने बीएनटी-162 के लिए इस साल के अंत तक 10 करोड़ खुराक और 2021 तक 130 करोड़ खुराक बनाने का लक्ष्य रखा है. जुलाई में अमेरिकी स्वास्थ्य विभाग और रक्षा विभाग ने कोविड-19 वैक्सीन की 10 करोड़ खुराक का उत्पादन करने के लिए फाइजर के साथ 1.95 बिलियन डॉलर का एग्रीमेंट किया था. अमेरिकी सरकार समझौते के तहत वैक्सीन की अतिरिक्त 500 मिलियन खुराक खरीद सकती है.


कोविड वैक्सीन के विकास में फाइजर का मुकाबला एस्ट्रेजेनेका, जॉनसन एंड जॉनसन, मॉडर्ना और सनोफी से है. फाइजर और बॉयोटेक की वैक्सीन में वायरस के जेनेटिक कोड का इस्तेमाल किया गया है. जिसे संदेशवाहक RNA या mRNa कहा जाता है. ये कोरोना वायरस की पहचान के लिए शरीर को ट्रेनिंग देता है. शरीर में कोरोना वायरस के हमले से प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा होती है.


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