विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को फेस मास्क पहनने के लिए नई गाइडलाइंस को सख्त कर दिया है. उसने सलाह दी है कि जहां कोविड-19 का संक्रमण फैल रहा है, वहां के स्वास्थ्य केंद्रों पर फेस मास्क हर शख्स को पहनना चाहिए. इससे पहले जून में वैश्विक संस्था ने फेस मास्क के हवाले से सिफारिशें जारी करते हुए सरकारों पर जोर दिया था कि सार्वजनिक स्थानों के अंदर और बाहर हर किसी को फैब्रिक मास्क इस्तेमाल कराया जाए. विशेषकर उन इलाकों में जहां वायरस का खतरा ज्यादा है.
फेस मास्क के हवाले से WHO की नई गाइडलाइन्स
अब, कोरोना वायरस की दूसरी लहर में तेजी आई है. बुधवार को जारी विस्तृत सिफारिश में सुझाव दिया गया कि जिन इलाकों में कोरोना वायरस फैल रहा है, वहां 12 साल या उससे ज्यादा उम्र के छात्र और बच्चे समेत सभी लोग फेस मास्क इस्तेमाल करें. दुकानों, दफ्तरों और शैक्षणिक संस्थानों में हवा की निकासी का प्रबंध खराब होने की सूरत में तो और भी लाजिमी है.
बच्चे, छात्र और मेहमानों के लिए भी सिफारिश
गाइडलाइन्स के मुताबिक, ऐसे स्थान जहां हवा निकासी का प्रबंध ठीक न हो वहां घरों के अंदर भी मेहमानों के आने पर फेस मास्क का इस्तेमाल किया जाए. हवा की अच्छी निकासी वाले स्थानों के अंदर भी फेस मास्क का उस वक्त जरूर इस्तेमाल किया जाए जब कम से कम एक मीटर तक शारीरिक दूरी को बरकरार रखना संभव न हो.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया कि फेस मास्क वायरस के फैलाव के खिलाफ सुरक्षा करते हैं और उसके साथ अन्य सुरक्षात्मक उपाय जैसे हाथ धोने पर भी अमल किया जाना चाहिए. गाइडलाइन्स में हेल्थ केयर वर्कर्स मुहैया होने पर कोविड-19 मरीजों की देखभाल करते वक्त एन 95 मास्क लगाएंगे. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सलाह दी कि सख्त शारीरिक गतिविधि करनेवाले लोगों को मास्क नहीं पहनना चाहिए. उसने इससे जुड़े खतरे खास कर अस्थमा के मरीजों को होनेवाली परेशानी का हवाला दिया.
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