वुहान की एक महिला ने अपने पिता की मौत के लिए चीन की सरकार को अदालत में घसीटने का फैसला किया है. उसका आरोप है कि सरकार ने कोरोन वायरस महामारी के बारे में सूचना को छिपाया. जाओ लाई ने कहा, "मैं सार्वजनिक क्षमा और मुआवजे की मांग कर रही हूं. मेरा मानना है कि सरकार ने कुछ हकीकतों को छिपाया."


चीन सरकार के खिलाफ मुकदमा की तैयारी


उसने ये भी बताया कि जानकारी के अभाव में वुहान के लोग निश्चित रहे जैसे कुछ बदला नहीं है. उसने कहा, "इसकी वजह से वुहान के लोग पहले की तरह रहने लगे. उन्होंन चीन के नए साल को सामान्य तरीके से मनाया. इसका मतलब हुआ मेरे पिता संक्रमित होकर मर गए." लाई के पिता जनवरी के अंत में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे. स्वास्थ्य सुविधाओं पर दवाब के चलते उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस मुहैया नहीं हुआ.


स्थानीय वाहन की मदद मिलने से पहले उन्होंने छह मील पैदल सफर किया. हालांकि लाई के पिता की मौत सांस उखड़ने से इमरजेंसी रूम में इलाज का इंतजार करते हुई. उन्होंने कहा, "मैं समझती हूं कि सरकार ने हकीकत को जाहिर नहीं होने दिया कि कोरोना वायरस लोगों से लोगों में फैल सकता है. मैंने सरकार को जिम्मेदार माना है और चाहती हूं कि उसे इसकी कीमत चुकानी चाहिए." जाओ का आवेदन म्यूनिसिपल कोर्ट ने खारिज कर दिया है. उसकी मां को मुकदमा वापस नहीं लेने पर अंजाम भुगतने की चेतावनी दी गई है.


कोरोना वायरस मामले को छिपाने का आरोप


महिला ने पिता ने मामले को हुबेई की सर्वोच्च अदालत में ले जानेवाली हैं. उन्होंने बताया, "मैंने जो कुछ कहा ये हकीकत है. ये कोई गैर कानूनी नहीं है. मैंने झूठ नहीं बोला है. मैं अफवाह नहीं फैला रही हूं. मेरा मानना है कि मुकदमा देश हित के लिए है. ये लोगों के लिए चेतावनी है कि अगर अगली बार हमारे सामने मुसीबत आ रही है तो हम खराब नतीजों को रोकने के लिए कुछ कर सकें. इस तरह हम ज्यादा लोगों की जिंदगी बचा सकते हैं."


लाई भी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं. उन्हें उम्मीद है कि उसके पिता की मौत का इंसाफ मिलेगा. उन्होंने कानूनी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाने की बात कही है. वुहान पहला केंद्र था जहां कोरोना वायरस महामारी उभरी. अभी यहां जिंदगी दोबारा पटरी पर आने लगी है. जबकि दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के मामले में उछाल जारी है. अमेरिका, ब्राजील और भारत वर्तमान में कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित देश हैं.


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