नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वैक्सीन जल्द से जल्द ढूंढने के लिए दुनिया भर में शोध चल रहा है. विशेषज्ञ इससे जुड़ी तमाम जानकारियां जुटाने की कोशिश में लगे हैं. मगर कोरोना वायरस की पहेली दिग्गजों को अभी तक समझ नहीं आ रही है. उच्च अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एंथनी फॉकी ने इसे ‘सबसे बुरा सपना’ करार दिया है.
डॉ एंथनी फॉकी ने कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर में फैली तबाही का मूल्यांकन किया. मंगलवार को बॉयोटेक्नेलोजी इनोवेशन ऑर्गेनाइजेश की तरफ से आयोजित कांफ्रेंस को डॉ एंथनी फॉकी संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि चार महीने में वायरस ने पूरी दुनिया को तहस नहस कर दिया है. उनके मुताबिक अभी ये बीमारी खत्म होनेवाली नहीं है.
अमेरिका के सबसे बड़े स्वास्थ्य अधिकारी का दावा
उन्होंने माना कि महामारी फैलने का अंदाजा उन्हें था, मगर पूरी दुनिया में इसका तेजी से फैलाव होगा, इसकी कल्पना उन्होंने नहीं की थी. उन्होंने कहा कि संक्रमित रोग को फैलने में साल या छह महीने लगता है, मगर इसने तो एक ही महीने में अपने पांव पसार लिए. डॉक्टर फॉकी ने दुनिया में वायरस संक्रमण को फैलने का कारण संक्रमित लोगों की यात्रा को माना. उन्होंने कहा कि महामारी के खिलाफ जंग में कई वैक्सीन का लोगों पर ट्रायल जारी है. फिलहाल जुलाई में एक वैक्सीन का ट्रायल तीसरे चरण में पहुंचने की उम्मीद है.
कोविड-19 की तीव्रता का रेंज बड़ा- डॉक्टर फॉकी
कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर फॉकी ने बीमारी से जुड़ा एक अन्य मुद्दा उठाते हुए कहा, "कोरोना वायरस को मात देकर ठीक होने वाले लोग क्या पूरी तरह स्वस्थ हो पाएंगे?" उन्होंने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए कहा, “मैंने अपने करियर का ज्यादातर समय HIV के अध्ययन पर बिताया है. इससे होने वाली बीमारी वर्तमान में कोविड-19 बीमारी की तुलना में मामूली है. HIV और कोविड-19 बीमारी के बीच यही अंतर है कि कोविड-19 की तीव्रता का रेंज बड़ा है."
आपको बता दें कि अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए मरीजों की संख्या 20 लाख पार कर चुकी है, जबकि 1.13 लाख से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
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