कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर अर्थव्यवस्था की स्थिति डांवाडोल. कंपनियां अपने खर्च में कटौती करने के लिए लोगों को नौकरी से हटा रही हैं. हाल के महीनों में विमानन उद्योग में 40 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है. इस बीच एयरबस कंपनी ने करीब 15 हजार लोगों को हटाने का फैसला कर लिया है. कंपनी ने कोरोना वायरस के कारण उपजी परिस्थिति को ‘गंभीर संकट’ करार दिया है.


11 फीसद कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर कंपनी अपने बैलेंस शीट को सुधारने जा रही है. कंपनी के बयान के मुताबिक कर्मचारियों की संख्या में कटौती अगले साल गर्मी तक हो जाएगी. उसका मानना है कि कोविड19 के कारण यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट से विमानन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इसलिए कंपनी को कटौती करने के लिए कड़ा फैसला लेना पड़ रहा है.


एयरबस करेगी 15 हजार नौकरी की कटौती


कंपनी के मुताबिक 5 हजार कर्मचारियों को फ्रांस से हटाया जाएगा. 5100 को जर्मनी से, 900 को स्पेन से, 1700 को ब्रिटेन से और 1300 को दुनिया के अन्य देशों से कंपनी के कर्मचारियों को निकाला जाएगा. कंपनी ने बताया कि योजना के बारे में यूनियन से चर्चा का कोई इरादा नहीं है. साथ ही कटौती के लिए कई तरीके अपनाए जाएंगे. स्वैच्छिक सेवानिवृति, वक्त से पहले रिटायरमेंट जैसे उपाय कंपनी अपनाने जा रही है.


बुरे दौर का सामना कर रही कंपनी


कंपनी के सीईओ गुलेमा फॉरी ने बताया कि एयरबस कंपनी सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. अप्रैल में कंपनी ने एक तिहाई विमानों के निर्माण में कमी करने का ऐलान किया था. सीईओ फॉरी का कहना है कि नौकरी की कटौती नई परिस्थिति का सामना करने के लिए है. उन्होंने बताया कि प्रबंधन नए फैसले के प्रति गंभीर है. कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए लॉकडाउन से उड़ानों पर प्रतिबंध के कारण विमानन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है. कई देशों में अभी भी उड़ानों को इजाजत देने पर संशय की स्थिति बनी हुई है.


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