Nuclear Weapons: न्यूक्लियर हथियार रखने वाले देश बढ़ा रहे हैं अपना परमाणु जखीरा, SIPRI की रिपोर्ट में दावा
Nuclear Weapons: SIPRI ने कहा कि अमेरिका और रूस के उपयोग योग्य सैन्य भंडार अपेक्षाकृत स्थिर रहे, लेकिन परमाणु हथियार कटौती संधि द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर.
Nuclear Weapons: स्वीडिश आर्म्स वॉचडॉग स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के अनुसार, सभी नौ परमाणु-सशस्त्र देश (Nuclear-Armed Countries) अपने परमाणु शस्त्रागार को बढ़ा रहे हैं या उन्नत कर रहे हैं और शीत युद्ध (cold war) की समाप्ति के बाद देखी गई गिरावट को उलट रहे हैं. SIPRI ने सोमवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस की परमाणु हथियारों (Nuclear Weapons) की सूची में 2021 में गिरावट आई है, अन्य परमाणु राज्य या तो नई हथियार प्रणाली विकसित कर रहे हैं या ऐसा करने के इरादे की घोषणा की है.
संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के अलावा, परमाणु हथियार वाले देश यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इज़राइल और उत्तर कोरिया हैं. इज़राइल ने कभी भी सार्वजनिक रूप से इस तरह के हथियार होने की बात स्वीकार नहीं की है.
यूएस-रूस के परमाणु शस्त्र भंडार में इस वजह से आई कमी
अमेरिका और रूस के परमाणु शस्त्र भंडार में 2021 में गिरावट आने का कारण था वर्षों पहले सैन्य सेवा से हटाये जाने वाले आयुधों को नष्ट किया जाना. बता दें इन दोनों देशों के पास दुनिया के 90 प्रतिशत परमाणु हथियार हैं. SIPRI ने कहा कि अमेरिका और रूस के उपयोग योग्य सैन्य भंडार अपेक्षाकृत स्थिर रहे, लेकिन परमाणु हथियार कटौती संधि द्वारा निर्धारित सीमाओं के भीतर.
एसआईपीआरआई के वेपन्स ऑफ मास डिस्ट्रक्शन प्रोग्राम के शोधकर्ता और अमेरिकी वैज्ञानिकों की फेडरेशन में परमाणु सूचना परियोजना के निदेशक हैंस एम. क्रिस्टेंसन ने कहा, "स्पष्ट संकेत हैं कि शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से वैश्विक परमाणु शस्त्रागार की विशेषता में कमी समाप्त हो गई है."
'यह एक बहुत ही चिंताजनक प्रवृत्ति है'
एसआईपीआरआई के वेपन्स ऑफ मास डिस्ट्रक्शन प्रोग्राम के निदेशक विल्फ्रेड वान ने कहा, "सभी परमाणु-सशस्त्र राज्य अपने शस्त्रागार को बढ़ा रहे हैं या उन्नत कर रहे हैं और अधिकांश परमाणु बयानबाजी को तेज कर रहे हैं और परमाणु हथियार (Nuclear Weapons) उनकी सैन्य रणनीतियों (Military Strategies) में भूमिका निभाते हैं." उन्होंने कहा, "यह एक बहुत ही चिंताजनक प्रवृत्ति है."
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