हाल के महीनों में, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और कनाडा के सांसदों ने सुरक्षा खतरों का हवाला देते हुए चीनी कंपनी टिकटॉक को प्रतिबंधित करने की कोशिशें तेज कर दी है. चीनी कंपनी टिकटॉक बाइटडांस के स्वामित्व वाली कंपनी है.


व्हाइट हाउस ने सोमवार को संघीय एजेंसियों को बताया कि उनके पास सरकारी उपकरणों से ऐप को हटाने के लिए 30 दिन का समय है. कनाडा और यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा ने भी हाल ही में आधिकारिक उपकरणों से ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था. 


व्हाइट हाउस की एक समिति ने बुधवार को देश भर में टिकटॉक को बंद करने की अनुमति लाने वाले कानून को आगे बढ़ाने के लिए मतदान कराया. आइये समझते हैं कि 100 मिलियन से ज्यादा अमेरिकियों के इस्तेमाल करने के बावजूद बाइडन सरकार टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने पर इतना जोर क्यों दे रही है. 
 
सरकारें TikTok पर प्रतिबंध क्यों लगा रही हैं?


पश्चिमी देशों में सांसदों ने चिंता जताई है कि टिकटॉक और इसकी पैरेंट कंपनी बाइटडांस, संवेदनशील उपयोगकर्ता डेटा चीनी सरकार को सौंप सकती है. उन्होंने इस बात की तरफ इशारा किया है कैसे कोई ऐप आम नागरिकों की जानकारी, और दूसरी तरह की खूफिया जानकारी एकत्र करके चीन की सरकार को दे रही है. 


वे इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि चीन गलत तरह की सूचना के लिए टिकटॉक की सामग्री सिफारिशों का इस्तेमाल कर सकता है. हांलाकि टिकटॉक लंबे समय से इस तरह के आरोपों से इंकार करता रहा है और टिकटॉक ये भी दावा करता आया है कि उसने बाइटडांस से दूरी बनाने की कोशिश की है. 


क्या किसी देश ने TikTok पर प्रतिबंध लगाया है?


भारत ने 2020 में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था. तब भारत सरकार ने 59 चीनी स्वामित्व वाले ऐप पर कार्रवाई की थी. इससे बाइटडांस को भारत से करारा झटका लगा था. भारतीय सरकार ने तब दावा किया था कि टिकटॉक गुप्त रूप से उपयोगकर्ताओं के डेटा को भारत के बाहर के सर्वर तक पहुंचा रहा था. 


ताइवान में भी बैन है ऐप


दिसंबर 2022 में, ताइवान ने टिकटॉक पर सार्वजनिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया था. तब एफबीआई ने चेतावनी दी थी कि टिकटॉक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. ताइवान में मोबाइल फोन, टैबलेट और डेस्कटॉप कंप्यूटर सहित सरकारी उपकरणों को चीनी निर्मित सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं है, जिसमें टिकटॉक, डौयिन और ऐप जियाओहोंगशु जैसे ऐप शामिल हैं.


कनाडा भी ऐप को बंद करने की तैयारी में


बता दें कि हाल ही में अमेरिका की घोषणा के बाद, कनाडा ने भी घोषणा की कि सरकार द्वारा जारी उपकरणों को टिकटॉक का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. टीकटॉक देश की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए एक जोखिम है. सभी सरकारी कर्मचारियों को भविष्य में ऐप डाउनलोड करने से भी रोक दिया जाएगा.


अफगानिस्तान में भी बैन है टिकटॉक


2022 में अफगानिस्तान के तालिबान सरकार ने टिकटॉक को बैन किया हुआ है. तालिबान सरकार का कहना है कि ये ऐप युवाओं को "गुमराह " करता है. टिकटॉक के अलावा गेम PUBG पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. 


अमेरिका में टिकटॉक पर क्यों लगाया जा रहा प्रतिबंध 


रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के दो दर्जन से ज्यादा राज्यों में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया है. वहीं ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय, ऑबर्न विश्वविद्यालय और बोइस स्टेट यूनिवर्सिटी के कैंपस के वाई-फाई नेटवर्क से टिकटॉक को बैन कर दिया गया है.


इसके बावजूद छात्र अक्सर ऐप का इस्तेमाल करने के लिए सेलुलर डेटा पर स्विच करते हैं. बताते चलें कि अमेरिका में टिकटॉक को सेना, मरीन कॉर्प्स, वायु सेना और तटरक्षक बल को इस्तेमाल ना करने की ताकीद तीन साल पहले ही की जा चुकी है. 


क्या अमेरीकी कांग्रेस टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश कर रही है?


इस हफ्ते, हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी ने एक विधेयक को मंजूरी देने के लिए मतदान किया जो एक राष्ट्रपति को किसी भी ऐप पर पूरी तरह से प्रतिबंधित करने का अधिकार  दे सकता है.  बतातें चलें कि ट्रंप सरकार ने पहले ऐसा करने की कोशिश की थी लेकिन अदालतों ने रोक लगा दी. 


जनवरी में, सीनेटर जोश हावले, आर-एमओ ने इस बात पर जोर दे कर कहा कि अमेरिका में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक विधेयक पेश किया जाए. दिसंबर में पेश किए गए एक अलग द्विदलीय विधेयक में भी टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने और रूस और ईरान जैसे देशों की तरफ से बनाए जाने वाले  इसी तरह की सोशल मीडिया कंपनियों को भी बैन करने की मांग की थी.


बाइडन प्रशासन की कोशिशें


इस हफ्ते व्हाइट हाउस ने टिकटॉक को बंद करने पर समीक्षा हो रही है. टिकटॉक और बाइटडांस के संबंधों और यूजर्स के डेटा की सेफ्टी को लेकर उठने वाले सवाल के जवाब के लिए एक समीक्षा पैनल विदेश निवेश समिति के साथ कई सालों से गोपनीय बातचीत कर रहा है. 


वहीं चीनी कंपनी टिकटॉक का कहना है कि अमेरिका की तरफ से अगस्त 2022 में 90 पन्नों का एक प्रस्ताव भेजा गया था, उसके बाद अमेरिका ने हमसे कोई बात नहीं की है. इस प्रस्ताव में अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को दूर करने को लेकर योजनाएं बनाई थी. 


क्या सरकार किसी ऐप पर प्रतिबंध लगा सकती है?


सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के रिसर्चर कैटलिन चिन ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सरकार  की तरफ से लगाया गया प्रतिबंध कानूनी चुनौतियों का सामना कर सकता है क्योंकि टिकटॉक एक ऐसा ऐप है जिससे लोग अपने विचार और कला दूसरों के साथ शेयर कर सकते हैं. 


चिन ने कहा, "लोकतांत्रिक सरकारों में, सरकार बहुत मजबूती से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती है, और यह साफ नहीं है कि हमारे पास अभी इस ऐप को बंद करने के लिए किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. 


क्या होगा अगर प्रतिबंध जारी होने पर भी आपके फोन में पहले से ही टिकटॉक है?


किसी के भी पर्सनल मोबाइल पर ऐप पर प्रतिबंध लगाने के लिए कोई सटीक उपाय नहीं है. चिन ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका टिकटॉक के विज्ञापन या अपने सिस्टम में अपडेट करने से रोक जरूर सकता है. 


ऐप्पल और बाकी  कंपनियां जो ऐप स्टोर संचालित करती हैं, वे उन ऐप्स के डाउनलोड को ब्लॉक करती हैं जो अब काम नहीं करते हैं.


जैसे भारत में टिकटॉक किसी भी ऐप स्टोर से डाउनलोड नहीं होता है.  न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी टंडन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग के प्रोफेसर जस्टिन कैपोस का कहना है कि वे अनुचित या अवैध सामग्री रखने वाले ऐप पर भी प्रतिबंध लगाते हैं. इनमें यूजर के फोन पर इंस्टॉल ऐप्स को हटाने की भी क्षमता होती है. लेकिन टिकटॉक के मामले में फिल्हाल ऐसा नहीं है.  


बैन को लेकर TikTok की प्रतिक्रिया क्या रही है?


टिकटॉक ने प्रतिबंधों को 'राजनीतिक रंगमंच' करार दिया है और अमेरिका में बैन को लेकर सांसदों की आलोचना की है. टिकटॉक की प्रवक्ता ब्रुक ओबेरवेटर ने एक बयान में कहा, "टिकटॉक को लेकर किसी भी राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को दूर करने का सबसे तेज और सबसे गहन तरीका सीएफआईयूएस के लिए प्रस्तावित समझौते को अपनाना है, जिसे बनाने में हमें पूरे 2 साल तक का समय लगा है.  


एक गैर-लाभकारी डिजिटल अधिकार समूह फाइट फॉर द फ्यूचर ने हाल ही में टिकटॉक से सांसदों का ध्यान हटाने के लिए #DontBanTikTok अभियान चलाया, जिसका उद्देश्य डेटा और गोपनीयता कानून बनाना है जो सभी बड़ी टेक कंपनियों पर लागू होता है. 


डेटा एंड सोसाइटी रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक वरिष्ठ शोधकर्ता रॉबिन कैपलान ने कहा, "गोपनीयता समुदाय से आम सहमति यह है कि टिकटॉक बहुत सारे डेटा इकट्ठा करता है, लेकिन यह दूसरे ऐप की तरह डाटा एकत्र करने के मामले में थोड़ा अलग है, इसलिए सरकारें इसे लेकर परेशान हैं. 


प्रतिबंध का विरोध और कौन कर रहा है?


अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन ने टिकटॉक बैन करने वाले विधेयक का विरोध किया था. अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन ने इस हफ्ते सदन की विदेश मामलों की समिति को एक पत्र भेजा. जिसमें कहा गया कि ये कानून अमेरिकियों के पहले से संशोधित अधिकारों का उल्लंघन करेगा. बेशक, लाखों अमेरिकियों और डिजिटल क्रिएटरों को इस ऐप के बंद होने से बुरा लगेगा. वहीं ये ऐप युवाओं के बीच काफी मशहूर है ऐसे में युवा लोगों के बीच राजनीतिक प्रतिक्रिया पैदा हो सकती है. 


क्या प्रतिबंध के अलावा कोई और रास्ता नहीं है


ये उम्मीद है कि अमेरिका प्रशासन टिकटॉक के इस्तेमाल की मंजूरी दे सकता है. इस बात की भी संभावना है कि सांसद बाइटडांस से टिकटॉक खरीद ले. जो 2020 में लगभग हो भी गया था , लेकिन फिर इस पर रोक लगा दी गई. 


बताते चलें कि साल 2020 में सुरक्षा कानून को देखते हुए हांगकांग ने भी टिकटॉक को दूसरे देशों को सौंपने का फैसला लिया था. तब कंपनी के एक प्रवक्ता ने मीडिया को बताया था कि "हाल की घटनाओं को देखते हुए हम लोगों ने हॉन्ग-कॉन्ग में टिकटॉक का काम बंद करने का फैसला किया है." तब समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने भी कहा था कि टिकटॉक कंपनी कुछ ही दिनों के अंदर हॉन्ग-कॉन्ग से बाहर चली जाएगी.


चीन की बाइटडांस कंपनी ने शॉर्ट-फॉर्म वीडियो बेस्ड मोबाइल ऐप को लॉन्च किया था. जिसका मकसद बाहर के मुल्कों के लोगों को आकर्षित करना था. केविन मेयर टिकटॉक ऐप के सीईओ हैं इनका कहना है कि चीन टिकटॉक के यूजर्स से जुड़े आंकड़े स्टोर नहीं करता है. कंपनी ये भी कह चुकी है कि वो अपने यूजर्स की जानकारी और कंटेन्ट पर चीनी सरकार की किसी भी तरह के रोक-टोक को नहीं मानेगी. कंपनी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि  चीन की सरकार ने अभी तक उससे यूजर की कोई गुप्त जानकारी नहीं मांगी है.


वहीं साल 2020 में अमेरीका के तत्कालीन विदेश मंत्री ने कहा था कि वो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही कुछ ना कहें, लेकिन ये तय है कि अमेरिका इस मामले पर नजर बनाए हुए है.


अमरीकी विदेश मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए टिकटॉक के एक प्रवक्ता ने कहा था कि, "टिकटॉक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एक अमेरीकी हैं, ऐप की सुरक्षा, प्रोडक्ट और पब्लिक पॉलिसी से जुड़े सैकड़ों कर्मचारी भी अमेरीकी हैं. ऐसे में अपने यूजर्स को एक सुरक्षित ऐप का अनुभव कराना ही हमारी प्राथमिकता है.