Niger President Removed: अफ्रीकी देश नाइजर में सेना ने तख्तापलट का दावा किया है. इसके साथ ही राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को उनके ही घर में नजरबंद कर हिरासत में लिया गया है. द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, अंगरक्षकों ने ही राष्ट्रपति मोहम्मद बेजोम को बंदी बना लिया और देश में सैन्य शासन का ऐलान कर दिया है.
ऐसे में हम आपको घटना के दस मुख्य पॉइंट्स के बारे में बताते हैं.
1- रॉयटर्स के रिपोर्ट के अनुसार, तख्तापलट का ऐलान सेना ने राष्ट्रीय चैनल के जरिए किया. इस दौरान कर्नल अमादौ अब्द्रमाने अपने साथी सैनिकों और अधिकारियों के साथ टीवी पर आए. उन्होंने इस बात की घोषणा की.
2- टीवी पर किए गए ऐलान के मुताबिक, सेना ने बुधवार देर रात राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को सत्ता से हटा दिया और राष्ट्रपति को उनके ही गार्ड के सदस्यों ने आधिकारिक आवास पर हिरासत में ले लिया है.
3- रिपोर्ट के अनुसार, नाइजर के राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम, जिन्हें सेना ने सत्ता से हटा दिया है, वे पश्चिम अफ्रीका में इस्लामी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में एक प्रमुख पश्चिमी सहयोगी थे.
4- कर्नल अमादौ अब्द्रमाने ने राष्ट्रपति को बंदी बनाने के बाद कहा है कि देश की बिगड़ती सुरक्षा व्यवस्था और खराब शासन के कारण हम राष्ट्रपति शासन को खत्म कर रहे हैं.
5- कर्नल ने ऐलान किया कि नाइजर के बॉर्डर सील हैं. ऐसे में न कोई देश से बाहर जा सकता है और ना ही कोई देश के अंदर आ सकता है. फिलहाल देश में में कर्फ्यू है. साथ ही सरकारी अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है.
6-यूएन-अमेरिका के हस्तक्षेप पर सैनिकों ने आपत्ति जताते हुए उन्हें धमकी दी है. बता दें कि 2020 के बाद से पश्चिम और मध्य अफ्रीका क्षेत्र में यह सातवां सैन्य तख्तापलट हैं.
7- राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट में कहा गया कि बज़ौम और उनका परिवार ठीक हैं. साथ ही दावा किया गया है कि राष्ट्रपति के गार्ड प्रदर्शन में शामिल थे. उन्होंने अन्य सुरक्षा बलों का समर्थन हासिल करने की भी कोशिश की.
8- अलजरीरा की रिपोर्ट के अनुसार, बजौम साजिशकर्ताओं की मांगों को स्वीकार करने और सत्ता छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे, ऐसे में उन्हें हिरासत में लेकर बंदी बनाया गया है.
9- रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति बजौम को हिरासत में लिए जाने के बाद उनके समर्थकों ने राष्ट्रपति परिसर की ओर बढ़ने की कोशिश की, लेकिन राष्ट्रपति गार्ड के सदस्यों ने चेतावनी के तौर पर गोलियां चलाकर उन्हें तितर-बितर कर दिया.
10- गौरतलब है कि नाइजर में इससे पहले भी मार्च 2021 में तख्तापलट की कोशिश हुई थी, जो नाकाम हो गई थी. दरअसल, तब बजौम अभी चुने ही गए थे. उनके शपथ ग्रहण से कुछ दिन पहले एक सैन्य इकाई ने राष्ट्रपति महल पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी. जिसमें सफलता हाथ नहीं लगी थी.