सच निकला अमेरिका का दावा, चीन ने पहली बार कोरोना वायरस के शुरुआती सैंपल नष्ट करने की बात मानी
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य कमीशन के निरीक्षक यू डेंगफेंग ने कहा कि चीन की एक जैविक लैब में कोरोना के शुरुआती सैंपल नष्ट किए गए थे.सैंपल नष्ट करने वाले आरोप अमेरिका के विदेश सचिव माइक पॉम्पियो ने पिछले महीने लगाए थे.
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने एक बार नहीं कई बार चीन पर कोरोना की जानकारी छिपाने के आरोप लगाए. अब ट्रंप का दावा सच साबित होता दिख रहा है. क्योंकि चीन ने मान लिया है कि उसने कोरोना वायरस के शुरुआती सैंपल नष्ट किए. चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य कमीशन के निरीक्षक यू डेंगफेंग ने ये खुलासा किया है.
यू ने कहा कि चीन की एक जैविक लैब में कोरोना के शुरुआती सैंपल नष्ट किए गए थे. लेकिन डेंगफेंग ने आगे सैंपल नष्ट करने का तर्क भी दिया. उन्होंने कहा कि सैंपल को नष्ट सच छिपाने के लिए नहीं बल्कि जैविक लैब में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया था. लैब इस तरह के सैंपल को संभालने के लिए अधिकृत नहीं था. इसलिए चीनी सार्वजनिक स्वास्थ्य कानून के तहत सैंपल को नष्ट करना पड़ा.
सैंपल नष्ट करने वाले आरोप अमेरिका के विदेश सचिव माइक पॉम्पियो ने भी पिछले महीने लगाए थे. पॉम्पियो ने कहा था कि हमें यकीन है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को समय पर नए कोरोना वायरस के प्रकोप की सूचना नहीं दी थी. हर प्रांत में वायरस के फैलने तक संक्रमण के फैलने की जानकारी भी चीन ने छिपाई. इसमें कोई शक नहीं है कि चीन का ये कबूलनामा अमेरिका के शक को और गहरा करेगा.
जिनपिंग से अभी बात नहीं करना चाहता- ट्रंप
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के मामले में चीनी नेतृत्व के प्रति अपनी नाराजगी का संकेत देते हुए कहा था कि वह अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से अभी बात नहीं करना चाहते. व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प से सवाल किया गया कि वह जिनपिंग से बात क्यों नहीं करना चाहते हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देखेंगे.
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