नई दिल्ली: ऐसे समय में जब अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दिए जाने वाले फंड पर रोक लगा दी है, चीन ने WHO को तीन करोड़ डॉलर का अतिरिक्त अनुदान देने की घोषणा की है.


कोरोना वायरस (COVID-19) के खिलाफ जारी लड़ाई के बीच चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने WHO अतिरिक्त सहायता देने की घोषणा की है. यह अनुदान चीन के द्वारा इससे पहले डब्ल्यूएचओ को दी गई 2 करोड़ डॉलर की राशि के अतिरिक्त होगा.


चीन ने कुछ ही रोज पहले अमेरिका द्वारा डब्ल्यूएचओ का फंडिंग रोकने पर पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि डब्ल्यूएचओ का रवैया पक्षपाती है और वह चीन के पक्ष में झुका हुआ है.


अमरेका की तरफ से फंड रोके जाने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ट्रेडोस अदनोम ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि स्वास्थ्य एजेंसी की फंडिंग रोके जाने के फैसले पर अमेरिका दोबारा विचार करेगा.


हालांकि अमेरिका के रुख में नरमी नहीं दिखी है. कल ही अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओब्रायन ने कहा था, ‘‘डब्ल्यूएचओ के साथ दिक्कत यह है कि वे इस संकट के दौरान अपनी पूरी साख खो चुके हैं.’’


उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘ऐसा नहीं है कि डब्ल्यूएचओ कई साल से बहुत प्रामाणिक संगठन रहा है. अमेरिका डब्ल्यूएचओ पर 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा खर्च करता है. चीन उस पर करीब चार करोड़ डॉलर खर्च करता है जो अमेरिका के योगदान के दसवें हिस्से से भी कम है और उसके बाद भी डब्ल्यूएचओ चीन के दुष्प्रचार का साधन बन गया है.’’


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