पाकिस्तान में कोरोना की चौथी लहर ने दी दस्तक, बीते दिन मई के बाद सबसे ज्यादा मरीज
पाकिस्तान में कोरोना का कहर अचानक तेज हो गया है. पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 1,980 नए मामले सामने आए और संक्रमण दर 4.09 प्रतिशत रही. 21 जून को संक्रमण के केवल 663 नए मामले आए थे.
कोरोना के मामले में अक्सर भारत पर तंज कसने वाले इमरान खान के देश पाकिस्तान में कोविड की चौथी लहर ने तेजी से दस्तक दे दी है. पिछले 24 घंटे में मई के बाद संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. पाकिस्तान में पिछले तीन सप्ताह से भी कम समय में नए मामले में तीन गुना वृद्धि हो गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान में कोरोना की चौथी लहर तेजी से बढ़ेगी. हेल्थ अधिकारियों ने बताया है कि चौथी लहर के लिए जनता की लापरवाही जिम्मेदार है. इसके अलावा संक्रमण के मामलों में वृद्धि के लिए कारोबार और पर्यटन स्थलों को फिर से खोले जाने को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. हेल्थ अधिकारियों ने सरकार से लॉकडाउन लगाने की वकालत की है. अधिकारियों ने कहा है कि ईद-उल-अजहा स्वास्थ्य संबंधी सख्त पाबंदियों के साथ मनाई जाए.
पॉजिटिव दर सबसे ज्यादा
आंकड़ों के मुताबिक यह पहला मामला है जब पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण की दर चार फीसदी से ज्यादा है. 30 मई को पॉजिटिव दर 4.05 दर्ज की गई थी. हर दिन कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने वाले लोगों की संख्या तीन गुना बढ़ गयी है. रविवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 1,980 नए मामले सामने आए और संक्रमण दर 4.09 प्रतिशत रही. 21 जून को संक्रमण के केवल 663 नए मामले आए थे. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय ने बताया कि यह पहली बार है जब 30 मई के बाद से संक्रमण दर चार प्रतिशत के पार चली गई है. 30 मई को संक्रमण दर 4.05 प्रतिशत दर्ज की गयी थी.
महामारी में बोर्ड की परीक्षाएं जारी
वर्ल्डोमीटर के आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके लोगों की कुल संख्या 9,75,092 हो गई है जबकि पिछले 24 घंटों में 27 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या 22,597 हो गई है. आंकड़ों के मुताबिक, 9,13,203 लोग इस महामारी से पूरी तरह उबर चुके हैं लेकिन करीब 2,119 लोगों की हालत गंभीर है जिसका मतलब है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. सरकार टीकाकरण पर जोर दे रही है और अभी तक कोविड-19 रोधी टीके की 1.90 करोड़ से अधिक खुराक लगाई जा चुकी हैं. विपक्षी दलों की चेतावनियों और छात्रों के प्रदर्शन के बावजूद सरकार माध्यमिक और उच्च माध्यमिक की बोर्ड परीक्षाएं करा रही है जिससे संक्रमण के मामले बढ़ सकते हैं.
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