Covid-19 vaccine: फाइजर की वैक्सीन के लिए मानव परीक्षण का हिस्सा बननेवाली नर्स ने अपने अनुभव शेयर किए हैं. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स के स्कूल ऑफ नर्सिंग में असिस्टेंट प्रोफेसर ने कहा, "अंतिम चरण के मानव परीक्षण में मुझे कई तरह के साइड इफेक्ट्स जाहिर हुए. इससे मुझे लगा कि कहीं मुझे कोरोना वायरस का संक्रमण तो नहीं हो गया."


कोविड-19 वैक्सीन के परीक्षण में शामिल नर्स ने बताया


क्रिस्टेन चोई ने बताया कि अगस्त में उन्होंने परीक्षण के लिए नामांकन कराया था और उसे प्रायोगिक वैक्सीन की दो डोज दी गई. लेकिन दूसरे डोज के बाद उसे सिर दर्द, मतली, कंपकपी और यहां तक 105 डिग्री का बुखार भी हो गया. उसने तापमान को अपनी जिंदगी का सबसे अत्यधिक बताया. नर्स ने बताया कि इससे उसे कोरोना वायरस संक्रमण की चिंता हो गई और दोस्तों ने भी मान लिया कि उसे संक्रमण हो गया है. लेकिन उसके लक्षण 24 घंटे के अंदर चले गए.


नर्स का कहना है कि साइड इफेक्ट्स इम्यून सिस्टम से प्राकृतिक रिस्पॉन्स है लेकिन उसे लगता है कि इसके चलते लोग वैक्सीन लेने से बचेंगे. इसलिए, डॉक्टरों को चाहिए कि मरीजों को होनेवाले साइड इफेक्ट्स के बारे में जरूर बताएं. जिससे 'गलत संदेश न फैल सके.'


दूसरा डोज लेने के बाद साइड इफेक्ट्स की कही बात


सोमवार को जामा इंटरनल मेडिसीन प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, चोई ने अगस्त के शुरू में इंस्टाग्राम पर विज्ञापन देखने के बाद फाइजर के वैक्सीन परीक्षण में शामिल होने का फैसला किया. नर्स ने बताया कि डोज लेने के बाद इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द के अलावा उसे किसी तरह का साइड इफेक्ट्स नहीं हुआ. एक महीने बाद दूसरे डोज के लिए वापस आने का अनुभव बिल्कुल अलग रहा.


पहले के मुकाबले इस बार इंजेक्शन वाली जगह पर बाजू तेजी से दर्द करने लगा. दिन के आखिर तक हल्की कंपकपी, मतली और सिर में चक्कर होने लगा. आखिरकार जल्दी बिस्तर जाकर फौरन सोने पर मजबूर होना पड़ा. आधी रात को नींद टूटने पर तेज बुखार और ठंड, मतली, सुस्ती, चक्कर जैसा महसूस होने लगा. यहां तक कि इंजेक्शन वाली जगह पर मांसपेशियों में दर्द से बाजू उठाना भी मुश्किल हो गया.


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