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प्रेगनेंट महिलाओं के लिए कोविड-19 की ये वैक्सीन है सुरक्षित, जानिए कहां दी गई एमआरएनए टीके की सलाह

न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में प्रेगनेन्ट महिलाओं को फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन दी जा सकेगी. टीकाकरण संबंधी ताजा परामर्श में कहा गया है कि प्रेगनेन्ट महिलाओं को संक्रमण का खतरा अधिक है.

ऑकलैंड: टीकाकरण संबंधी ताजा परामर्श के मद्देनजर न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया प्रेगनेन्ट महिलाओं को फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन का डोज नियमित तौर पर देंगे. एक रिसर्च में बताया गया है कि आम आबादी की तुलना में प्रेगनेन्ट महिलाओं को गंभीर संक्रमण की अधिक आशंका है, जिसके कारण फैसला किया गया. विश्वभर में टीकाकरण करा चुकीं प्रेगनेन्ट महिलाओं के स्वास्थ्य को वैक्सीन से कोई जोखिम होने की जानकारी नहीं मिली है. प्रेगनेन्सी में टीकाकरण से शिशु की भी रक्षा हो सकती है. रिसर्च के दौरान नाभि नाल के रक्त में और मां के दूध में भी एंटीबॉडी मिली. इससे संकेत मिला कि टीकाकरण से जन्म के पहले और जन्म के बाद बच्चों को अस्थायी सुरक्षा मिलती है. यह इन्फ्लूएंजा और काली खांसी की वैक्सीन के समान है जो प्रेगनेन्सी के दौरान दिए जाते हैं. 

प्रेगनेन्ट महिलाओं को टीकाकरण की सलाह 

स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी कोविड-19 रोधी वैक्सीन के कारण स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा से जुड़ी कोई चिंता नहीं है और गर्भधारण का प्रयास करने वाली महिलाओं को भी टीकाकरण में देरी नहीं करनी चाहिए. टीकाकरण के बाद गर्भधारण में भी कोई समस्या नहीं है. न्यूजीलैंड की सरकार ने जब मार्च में टीकाकरण योजना की शुरुआत की, तब प्रेगनेन्ट महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर तीसरे समूह में रखा गया था. इस समूह में 17 लाख लोग हैं जिन्हें कोविड-19 का ज्यादा खतरा है.

यह निर्णय उस समय उपलब्ध जानकारी को दर्शाता है. अंतरराष्ट्रीय रिसर्च से पता चला कि कोविड-19 से संक्रमित होने पर बाकी आबादी की तुलना में प्रेगनेन्ट महिलाओं को अस्पताल में गहन देखभाल की ज्यादा जरूरत होती है. ये ठीक उसी तरह है जैसा 65 साल और उससे ज्यादा उम्र समूह के लोगों या विभिन्न रोगों से ग्रस्त लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता पड़ने का अधिक जोखिम रहता है, उसी प्रकार प्रेगनेन्ट महिलाओं में भी इसका अपेक्षाकृत अधिक खतरा है. इन समूहों के लोगों के संक्रमित होने पर गंभीर रूप से बीमार होने की ज्यादा आशंका रहती है. 

न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया में दी जाएगी वैक्सीन

‘रॉयल ऑस्ट्रेलियन एंड न्यूजीलैंड कॉलेज ऑफ आब्स्टिट्रिशन एंड गाइनकालजिस्ट’ ने पूर्व में इसी तरह की सलाह प्रकाशित करते हुए कहा था कि महिलाएं प्रेगनेन्सी के किसी भी चरण में वैक्सीन लगवा सकती हैं, खासकर अगर वो ज्यादा जोखिम वाली आबादी में शामिल हैं, लेकिन उन्होंने सामुदायिक स्तर पर संक्रमण दर कम होने की स्थिति में नियमित सार्वभौमिक टीकाकरण की सलाह नहीं दी. न्यूजीलैंड में प्रारंभिक सलाह की समीक्षा करना अत्यावश्यक हो गया, क्योंकि स्थानीय टीकाकरण केंद्रों ने अभियान के तहत तीसरे समूह के लोगों का टीकाकरण शुरू कर दिया है.

इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया और कुक आइलैंड्स के साथ यात्रा को लेकर ‘बबल समझौते’ का मतलब था कि लोगों के संक्रमितों के संपर्क में आने की अधिक आशंका थी. प्रेगनेन्सी में कोविड-19 संक्रमण के जोखिमों के बारे में अब और अधिक रिसर्च सामने आ रहे हैं और प्रेगनेन्ट महिलाओं को एमआरएनए आधारित वैक्सीन जैसे फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन दिए जाने के साथ अंतरराष्ट्रीय अनुभव भी बढ़ रहा है. वैक्सीन की सुरक्षा का आकलन के लिए शुरू के क्लीनिकल ट्रायल में प्रेगनेन्ट महिलाएं शामिल नहीं की गयी थीं, लेकिन प्रेगनेन्सी  के दौरान वैक्सीन दिए जाने से किसी नुकसान के प्रमाण नहीं मिले हैं. अमेरिका में वैक्सीन के परीक्षण में अब प्रेगनेन्ट महिलाएं भी शामिल की जा रही हैं. रिसर्च के नतीजे इस साल के अंत तक आने की उम्मीद है.

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