Covid-19 Vaccine: फाइजर की वैक्सीन को ब्रिटेन में मंजूरी, लेकिन अमेरिका में क्यों हो रही देरी?
अमेरिकी कंपनी फाइजर की वैक्सीन को ब्रिटेन में मंजूरी मिलने पर जबरदस्त दबाव हैसूत्रों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन अमेरिकी धरती पर मंजूरी नहीं मिलने से नाराज है
Covid-19 vaccine: नाराज अमेरिकी जानना चाह रहे हैं कि क्यों फाइजर की कोविड-19 वैक्सीन को ब्रिटेन में मंजूरी मिली और अमेरिका में नहीं, जबकि इसका सारा काम, खासकर बनाने से लेकर वित्त पोषण अमेरिका में हुआ. बुधवार को ब्रिटिश स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है और जल्द ही सबसे ज्यादा जरूरतमंद मरीजों को देने का काम शुरू हो जाएगा. जर्मन कंपनी बायोएनटेक की वैक्सीन को अमेरिका में बनाया गया था लेकिन पहले मंजूरी ब्रिटेन में मिली.
अमेरिका में फाइजर की वैक्सीन को अभी तक मंजूरी क्यों नहीं?
वैक्सीन विकसित करने के लिए अमेरिकी कंपनी फाइजर ने फंड मुहैया कराया था. अमेरिका में फूड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि 10 दिसंबर तक न तो मॉडर्ना और न ही फाइजर की वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी देने पर विचार करने के लिए बैठक होगी. एफडीए के प्रमुख स्टीफन हान ने बताया है कि उन्हें मंजूरी देने में ज्यादा समय इसलिए लग रहा है क्योंकि ड्रग कंपनी के निष्कर्ष पर भरोसा करने के मुकाबले कच्चे आंकड़े को देखकर निर्धारित किया जाएगा कि ये सुरक्षित है या नहीं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एफडीए पर तेजी से वैक्सीन लॉंच करने का दबाव डाला है. सूत्रों का कहना है कि ट्रंप और दूसरे व्हाइट हाउस के अधिकारी नाराज हैं कि अमेरिकी धरती पर मंजूरी से पहले विदेश में वैक्सीन को मान्यता मिल गई है. एक सूत्र का कहना है कि ये कल्पना करना मूर्खतापूर्ण है कि यूरोपीयन यूनियन या ब्रिटेन अमेरिका में विकसित एक वैक्सीन को इजाजत दे सकता है?
कोविड-19 वैक्सीन में हो रही देरी से अमेरिकी प्रशासन नाराज
डॉक्टर हान को व्हाइट हाउस स्पष्ट करने के लिए बुलाया गया था कि क्यों वैक्सीन को अब तक मंजूरी मिलने में समय लग रहा है. उन्होंने मंगलवार को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति से मुलाकात के सवाल पर कुछ नहीं कहा. ट्रंप प्रशासन की तरफ से वैक्सीन को लेकर पड़नेवाले दबाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा, "बातचीत शानदार हुई."
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक के अलग-अलग ग्रुप वर्तमान में फाइजर के कच्चे आंकड़ों का परीक्षण करने में जुटे हैं. कुछ वैज्ञानिक सुरक्षा का परीक्षण करेंगे तो दूसरे वैज्ञानिक असर का पता लगाएंगे. 10 दिसबंर को सभी ग्रुप के वैज्ञानिक एक साथ अपने निष्कर्ष पर विचार करने के लिए इकट्ठा होंगे और उसे सलाहकार काउंसिल के सामने पेश करेंगे.
हान ने ब्रिटिश अधिकारियों की आलोचना नहीं की मगर सुझाव दिया कि एजेंसी डेटा का परीक्षण करने के लिए ज्यादा बड़े कदम उठा रही है. फाइजर का कहना है कि उसकी वैक्सीन 95 फीसद असरदार है और मॉडर्ना ने अपनी वैक्सीन को 94 फीसद सुरक्षित बताया है. एक अन्य ब्रांड, एस्ट्राजेनेका ने अपनी वैक्सीन को 70 फीसद प्रभावी माना है. कोविड-19 वैक्सीन निर्माण और वितरण की व्यवस्था करने के लिए अमेरिका में ऑपरेशन वार्प चलाया जा रहा है. ऑपरेशन वार्प स्पीड का लक्ष्य जनवरी 2021 तक कोविड-19 की प्रभावी और सुरक्षित वैक्सीन की 300 मिलियन खुराक हासिल करने का है.
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