कोरोना वैक्सीन उम्मीद की किरण, दवा विकसित करने में वैश्विक साझेदारी अहम: UN महासचिव
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस का कहना है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन की हर किसी तक पहुंच होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने जी20 देशों से कोरोना वायरस का इलाज और दवा विकसित करने में वैश्विक साझेदारी का आह्वान किया.
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देश और दुनिया में कोरोना वायरस के कारण हाहाकार मचा हुआ है. हर रोज कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. वहीं पूरी दुनिया को कोरोना वायरस वैक्सीन के आने का इंतजार है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने कोरोना वायरस (कोविड-19) के लिए वैक्सीन विकसित करने में अब तक मिली सफलता को ‘उम्मीद की किरण’ करार दिया है.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस का कहना है कि कोरोना वायरस की वैक्सीन की हर किसी तक पहुंच होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने जी20 देशों से कोरोना वायरस का इलाज और दवा विकसित करने में वैश्विक साझेदारी का आह्वान किया. गुतेरस ने कहा, 'कोविड-19 वैक्सीन पर हाल में मिली सफलता उम्मीद की किरण है. यह उम्मीद की किरण हर किसी तक पहुंचनी चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'वैश्विक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए वैक्सीन सुनिश्चित की जानी चाहिए. यह सभी के लिए और हर जगह आसानी से उपलब्ध हो और सस्ती हो. यह लोगों की वैक्सीन हो. यह कोई धर्मार्थ नहीं है बल्कि यह कोरोना महामारी से होने वाली मौतों को रोकने और वायरस को नियंत्रित करने का तरीका है.'
इसके साथ ही गुतेरस ने कहा कि पिछले सात महीने में कई देशों ने कोरोना वैक्सीन विकसित करने, जांच और चिकित्सा पद्धति तलाशने के लिए 10 अरब डॉलर का निवेश किया है. इसके अलावा 28 अरब डॉलर और निवेश की जरूरत है, जिनमें से 4.2 अरब डॉलर इस साल के अंत तक चाहिए.
वैक्सीन 95% तक प्रभावी
इसके अलावा उन्होंने टीके को लेकर फैलाई जा रही भ्रांतियों और दुष्प्रचार पर भी चिंता जताई. बता दें कि हाल ही में वैश्विक दवा कंपनियों फाइजर और बायोएनटेक ने घोषणा की थी कि उनकी ओर से विकसित संभावित कोविड-19 वैक्सीन 65 साल से ज्यादा की उम्र के मरीजों के साथ ही 95 फीसदी तक प्रभावी है.
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