चीन में कोरोना महामारी एक बार फिर से पैर पसार रहा है. पिछले कुछ हफ्तों में यहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं. कई शहरों में लॉकडाउन की स्थिति है. इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कोविड-19 से लड़ने के उपायों के आर्थिक प्रभाव को कम करने का वादा किया है. शी जिनपिंग की ये योजना लंबे समय से चली आ रही रणनीति में बदलाव का संकेत है. कोरोना की वजह से चीन की सख्ती से मौत के आंकड़े को तो कम किया है लेकिन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर इसका भारी प्रभाव पड़ा है. कोरोना के मामले बढ़ने के बाद चीन के कई शहरों में एक बार फिर से प्रतिबंध लागू हैं. कई शहरों में स्कूल बंद हैं तो वही बाजार पर भी इसका बुरा असर पड़ता दिखाई दे रहा है.
आर्थिक विकास और महामारी के प्रभाव को कम करने की चुनौती
राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार देर रात पोलित ब्यूरो की एक बैठक में अपनी कोविड जीरो पॉलिसी को दोहराया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा चीन कम से कम लागत पर अधिकतम रोकथाम और नियंत्रण प्रभाव प्राप्त करने और आर्थिक और सामाजिक विकास पर महामारी के प्रभाव को कम करने का प्रयास करेगा. यह पहली बार है कि जिनपिंग ने सरकार की वेबसाइट पर ब्लूमबर्ग के अनुसार, 2020 में महामारी की शुरुआत के बाद से पोलित ब्यूरो की बैठक में कोविड की रोकथाम की आर्थिक लागत को कम करने पर जोर दिया है. चीन वुहान में अपने सबसे खराब कोविड -19 के प्रकोप से निपट रहा है. जिसमें लॉकडाउन में शेनझेन के दक्षिणी टेक हब के निवासियों सहित लाखों लोग शामिल हैं. चीन में वित्तीय बाजारों को स्थिर करने और अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के संकल्प के हिस्से के रूप में चीन ने कहा है कि कोरोना वायरस नियंत्रण को आर्थिक विकास के साथ समन्वित किया जाना चाहिए.
कई अर्थशास्त्रियों ने विकास के अनुमान को किया है कम
चीन की शीर्ष वित्तीय नीति समिति की हालिया बैठक में की गई टिप्पणियों ने दोहराया कि व्यापार के लिए व्यवधान को कम करने के लिए कोविड नीति को बदलने की जरूरत है. शी की बैठक के संकेतों से पता चलता है कि चीन पहले संक्रमण को खत्म करेगा, और फिर अपनी वायरस नियंत्रण रणनीतियों को समायोजित करेगा. मॉर्गन स्टेनली और यूबीएस ग्रुप एजी सहित कई अर्थशास्त्रियों ने हाल के वर्ष के लिए अपने विकास के अनुमानों को कम कर दिया है. अर्थशास्त्रियों का मानना है कि बीजिंग के 5.5% विस्तार के लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल होगा.
गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक के प्रमुख चीन अर्थशास्त्री हुई शान और उनके सहयोगियों का अनुमान है कि देश के 30% के चार सप्ताह के लॉकडाउन से सकल घरेलू उत्पाद में करीब 1 फीसदी की कमी आ सकती है. वायरस की वजह से iPhone निर्माता फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप और टोयोटा मोटर कॉर्प जैसी कंपनियों में अस्थायी कारखाने बंद कर दिए हैं. उपभोक्ताओं के लिए प्रतिबंधों का मतलब दुकानों और रेस्तरां में यात्रा और खर्च में कमी है.