Covid Surge in China: चीन में हुए कोरोना विस्फोट पर अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने शी जिनपिंग सरकार से जानकारी साझा करने का अनुरोध किया है. एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि बढ़ते हुए कोरोना मामलों ने पूरी दुनिया के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. इसके साथ ही ब्लिंकन ने एक बार फिर से चीन को अमेरिकी वैक्सीन देने की पेशकश की.
एंटनी ब्लिंकन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ये चीन समेत सभी देशों के लिए जरूरी है कि वे लोगों के टीकाकरण की ओर ध्यान दें. ज्यादा टेस्टिंग करें और इलाज उपलब्ध रहे. इसके साथ ही सबसे जरूरी बात ये है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर अपने अनुभवों को दुनिया के साथ साझा करें. इस बात का आशय सिर्फ चीन से नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया के देशों से है. हम (अमेरिका) इसे ऐसे ही होते देखना चाहते हैं.
चीन रहा है अमेरिका का विरोधी- ब्लिंकन
एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि चीन ने केवल अमेरिका का विरोध करने के नाम पर मदद की मांग नहीं की. बीजिंग ने अपनी स्वदेशी वैक्सीन को ही आगे बढ़ाया. इन वैक्सीन को लेकर अंतरराष्ट्रीय हेल्थ एक्सपर्ट ने कहा था कि ये अमेरिका की वैक्सीन से कम प्रभावी हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि अगर कोई मानता है कि ये उपयोगी हो सकता है, तो हम किसी को भी मदद देने के लिए तैयार हैं.
ब्लिंकन को अगले साल जाना है चीन
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन में कोरोना विस्फोट को रोकने में अमेरिका का स्वार्थ और मानवीय पहलू दोनों ही हैं. बता दें कि एंटनी ब्लिंकन को अगले साल के शुरुआत महीनों के बीच चीन का यात्रा करनी है. माना जा रहा है कि ब्लिंकन की इस यात्रा से अमेरिका और चीन के बीच चल रही खींचतान कम होने की उम्मीद है.
ब्लिंकन ने चीन में जीरो-कोविड पॉलिसी को लेकर कहा कि जब भी कोरोना वायरस फैल रहा है या अन्य देशों में पहुंच रहा है, तो नए वेरिएंट पैदा होने की संभावनाएं बढ़ रही है. नए वेरिएंट और तेजी के साथ फैलते हैं और ये हम (अमेरिका) पर प्रभाव डालते हैं या अन्य देशों पर प्रभाव डालते हैं. हमने देखा है कि इसकी वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर सीधे तौर पर प्रभाव पड़ रहा है. बता दें कि अमेरिका के बाद चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का हिस्सा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन में तीन साल पहले कोविड-19 का पहला मामला दर्ज किया गया था. जिसके बाद चीन ने जीरो-कोविड नीति अपनाते हुए सख्त लॉकडाउन भी लगाए थे. इसके बावजूद बीते महीने चीनी नागरिकों के विरोध-प्रदर्शन के बाद जीरो-कोविड पॉलिसी को हटा लिया गया था. चीन में अभी तक बहुत से बुजुर्गों का वैक्सीनेशन नहीं किया गया है. साथ ही चीन के बहुत से शहरों के शवदाह गृहों में कई दिनों की वेटिंग भी लगी हुई है.