वाशिंगटन: कोरोना वैक्सीन बना रही मॉर्डना कंपनी अमेरिका और यूरोप में इमरजेंसी अनुमति के लिए अनुरोध करेगी. मॉर्डना के निर्माताओं का दावा है कि वैक्सीन अंतिम ट्रायल में 94.4 फीसदी सफल रही है. साथ ही वैक्सीन के साइडइफेक्ट की भी शिकायत नहीं आई है ऐसा कंपनी का कहना है.
कोरोना महामारी के दौर में सबसे बड़ी खबर है वैक्सीन. दुनिया की कई कंपनियां कोरोना वैक्सीन के ट्रायल के तीसरे फेज में हैं. भारत में भी सीरम और ऑक्सफोर्ड करार के तहत वैक्सीन विकसित कर रहे हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में कोरोना वैक्सीन के निर्माण से जुड़े सभी संस्थानों का दौरा किया.
मॉर्डना ने दावा किया कि उसके वैक्सीन का प्रयोग अलग-अलग उम्र वर्ग, नस्ल, लिंग, देशों के लोगों पर ट्रायल किया गया है. वैक्सीन बीमारी को गंभीर होने से रोकने में शत प्रतिशत सफल है ऐसा कंपनी ने दावा किया.
बता दें कि मॉर्डना दूसरी कंपनी है जिसने अमेरिका से अपनी दवा बेचने की इमरजेंसी अनुमति मांगी है. मॉर्डना के अलावा फाइजर ने भी अपनी वैक्सीन अमेरिका में उतारने के लिए आपातकालीन अनुमति मांगी है.
बता दें कि दुनिया भर में लगभग 14 लाख 70 हजार लोगों की कोरोना महामारी के कारण मौत हो चुकी है. भारत में सवा लाख से अधिक लोगों की कोरोना के कारण मौत हो चुकी है. दुनिया बहुत उम्मीद से वैक्सीन का इंतजार कर रही है ताकि वो फिर से सामान्य जिंदगी बिता सकें.