Communist Party Of China: चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 20वें अधिवेशन की शुरुआत रविवार (16 अक्टूबर) को हो गई है. पहले दिन राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) ने भाषण दिया. दो बार से राष्ट्रपति जिनपिंग का तीसरी बार भी राष्ट्रपति बनना लगभग तय है. 22-23 अक्टूबर को इसका आधिकारिक रूप से एलान भी कर दिया जाएगा. हालांकि, ये समझना भी बेहद अहम हो जाता है कि सीपीसी यानी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना, चीन की राजनीति में कितनी अहम है.


चीन की CPC क्या है?


चीन में ताकत, सत्ता और कानून का मतलब यही (CPC) पार्टी है. शी जिनपिंग की तीसरी इनिंग पर मुहर CPC की पंचवर्षीय बैठक में ही लगेगी. ऐसे में सवाल है कि आखिर चीन की CPC क्या है...कैसे काम करती है...और असल में ये कितनी ताकतवर है? चलिए आपको इन सब सवालों के जवाब आसान भाषा में देते हैं.


चीन में एक ही राजनीतिक दल


दरअसल, चीन में एक ही राजनीतिक पार्टी है और वो है Communist Party of China. सीपीसी की सर्वोच्च इकाई है नेशनल कांग्रेस, जो कि बीजिंग में हर 5 साल में एक बार मीटिंग करती है. इसी मीटिंग में चीन का राष्ट्रपति तय होता है. 


साल में एक बार होती है सेंट्रल कमेटी की बैठक


हालांकि, जब नेशनल कांग्रेस का सेशन नहीं चल रहा होता तो सेंट्रल कमेटी CPC की टॉप बॉडी बन जाती है, लेकिन सेंट्रल कमेटी के सदस्यों की साल में एक ही बार मीटिंग होती है, इसलिए चीन में सत्ता का असली चेहरा पोलित ब्यूरो और इसकी स्टैंडिंग कमिटी को ही माना जाता है. 


इस स्टैंडिंग कमिटी के मुखिया को जनरल सेक्रेटरी कहा जाता है. यही जनरल सेक्रेटरी सेंट्रल मिलिट्री कमीशन का चेयरमैन होता है और देश का राष्ट्रपति भी. चीन के संविधान के चैप्टर 3 के सेक्शन 4 में साफ-साफ लिखा है कि सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के अध्यक्ष होने का मतलब होता है पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का कमांडर इन चीफ होना यानी पोलित ब्यूरो का जनरल सेक्रेटरी ही चीन का सबसे बड़ा नेता होता है. वो सेना का भी अध्यक्ष होता है और राष्ट्र का भी.


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