अमेरिकी संस्था कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि विश्व में सक्रिय आतंकी संगठनों में से 12 ऐसे हैं जो पाकिस्तान में शरण लिए हुए है. वहीं इन 12 में से  पांच आतंकी संगठनों का निशाना भारत है. ये एक बड़ा और हैरान कर देने वाला खुलासा अमेरिकी की संस्था सीआरसी की ओर से किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद जैसे संगठन भारत को अपना निशाना बनाने की ताक में हमेशा रहते हैं.


वहीं, अन्य संगठन विदेशी आंतकी बताये जा रहे हैं. सीआरसी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका के अधिकारियों ने पाकिस्तान के कई आतंकियों ऑपरेशनल बेस समेत मिलिटेंट ग्रुप की पहचान की है जिनमें से कुछ संगठन साल 1980 से सक्रिय हैं.


बता दें, बीते दिनों क्वाड समिट के वक्त अमेरिका की ओर से जारी की गई इस रिपोर्ट में साफ शब्दों में कहा गया कि सभी आतंकी संगठन पाकिस्तान में सक्रिय चल रहे हैं. उन्होंने बताया कि ये संगठन पांच तरह के हैं. इनमें कुछ ऐसे भी हैं जो पूरी दुनिया को टारगेट बनाए हुए हैं तो वहीं कुछ संगठनों के निशाने पर अफगानिस्तान की जमीन है. वहीं, पाकिस्तान में पनाह लिए पांच आतंकी संगठनों के निशाने पर भारत और कश्मीर मुख्य तौर पर हैं.


लश्कर-ए-तैयबा


अमेरिका की जारी इस रिपोर्ट में बताया गया कि, लश्कर-ए-तैयबा साल 1980 में पाकिस्तान में बनाया गया था. वहीं, साल 2001 में इसे वैश्विक आतंकी संगठन के रूप में देखा गया. साल 2008 में इस आतंकी संगठन ने मुंबई में हमला किया. बता दें, ये संगठन विश्वभर में कई बड़े हमले कर चुका है.


जैश-ए-मोहम्मद


जैश-ए-मोहम्मद संगठन की स्थापना साल 2002 में हुई थी जिसके संस्थापक मसूद अजहर था. साल 2001 में इस संगठन को विदेशी आतंकी संगठन के रूप में बनाया गया. बता दें, भारत में हुए हमलों में इस संगठन का हाथ रहा है.


हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी


हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी अफगानिस्तान में साल 1980 में बना संगठन है. सोवियत सेना से लड़ने के लिए इसकी स्थापना की गई थी हालांकि साल 2010 में इसे वैश्विक आतंकी संगठन के रूप में बदल दिया गया था. जानकारी के मुताबिक साल 1989 के बाद से इस संगठन ने भारत में हमले शुरू किए थे. वहीं, अफगानिस्तान में तालिबान की लड़ाई के लिए इस संगठन के लड़ाकों को भेजा गया था.


हिजबुल मुजाहिदीन


हिजबुल मुजाहिदीन की अगर बात करें तो साल 1989 में पाकिस्तान की सबसे बड़ी इस्लामिक राजनीतिक पार्टी के रूप में की इसकी स्थापना हुई थी. हालांकि इस संगठन की तरफ से कई आतंकी हमले किए गए. साल 2017 में इस संगठन को वैश्विक संगठन के रूप में जाना गया.


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