नेपाल की सत्ताधारी सीपीएन-यूएमएल के धड़ों में टकराव से गहराया विवाद, ओली ने कल बुलाई संसदीय दल की बैठक
ओली के नेतृत्व वाले धड़े ने नेपाल-खनाल धड़े के बुधवार और गुरुवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. प्रधानमंत्री ने नेपाल और खनाल पर पार्टी विरोधी गतिविधियां करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘मैंने सुना है कि वे राष्ट्रीय काडर बैठक करने वाले हैं जहां वे एक रिपोर्ट भी पारित करेंगे.
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने सत्तारूढ़ दल सीपीएन-यूएमएल के दोनों धड़ों में गहराते विवाद के बीच कल यानी गुरुवार को पार्टी के संसदीय दल की बैठक बुलाई है. मायरिपब्लिका अखबार ने पार्टी के मुख्य सचेतक बिशाल भट्टारई के हवाले से कहा कि संसदीय दल की बैठक प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर होगी. ओली पार्टी के अध्यक्ष भी हैं. भट्टारई ने कहा, ‘‘उन सभी पार्टी नेताओं को आमंत्रित किया गया है जिन्होंने चुनाव चिह्न ‘सूर्य’ पर चुनाव जीता है.’’
इस बैठक का आह्वान ऐसे समय किया गया है जब माधव कुमार नेपाल और झालानाथ खनाल के नेतृत्व वाला सीपीएन-यूएमएल का प्रतिद्वंद्वी धड़ा बुधवार से शुरू हुई पार्टी नेताओं और काडर की राष्ट्रीय बैठक के अपने निर्णय पर आगे बढ़ गया. ‘द हिमालयन टाइम्स’ ने कहा कि ओली के धड़े ने दो दिवसीय राष्ट्रीय काडर सभा आयोजित की है, जिसमें पार्टी की सभी शाखाओं के करीब 2,000 नेताओं और काडर के भाग लेने की संभावना है.
ओली के नेतृत्व वाले धड़े ने नेपाल-खनाल धड़े के बुधवार और गुरुवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. प्रधानमंत्री ने नेपाल और खनाल पर पार्टी विरोधी गतिविधियां करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘मैंने सुना है कि वे राष्ट्रीय काडर बैठक करने वाले हैं जहां वे एक रिपोर्ट भी पारित करेंगे. मैं पार्टी विरोधी गतिविधियां अब और सहन नहीं कर सकता.’’
‘मायरिपब्लिका’ में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, सीपीएन-यूएमएल महासचिव ईश्वर पोखरल ने बयान जारी कर पार्टी नेताओं एवं सदस्यों से इस बैठक में भाग नहीं लेने को कहा है. उनका कहना है कि उनकी पार्टी ने ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया है. उन्होंने ‘‘अवैध’’ सभा में शामिल होने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी.
पार्टी के दोनों धड़ों के बीच टकराव उस समय बढ़ गया था, जब नेपाल-खनल धड़े ने ओली से 12 मार्च के उन फैसलों को वापस लेने की मांग की थी, जिनके कारण दोनों नेताओं के नजदीकी नेताओं को पार्टी की अहम जिम्मेदारियों से हटा दिया गया था.