444 आतंकवादी हमले, 685 सुरक्षाकर्मियों की मौत, 2024 में आतंक परस्त पाक खुद टेरेरिज्म से दहला, CRSS की रिपोर्ट में खुलासा
Center For Research And Security Studies Report: साल 2024 पाकिस्तान की आवाम और उसके सुरक्षा बलों के लिए सबसे खतरनाक साबित हुआ है. हिंसा और आतंकी हमलों में हजारों लोग मारे गए.
CRSS Annual Security Report 2024: आतंक को पनाह देने वाला पाकिस्तान 2024 में खुद आतंकियों के हमलों से दहला है. सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज (सीआरएसएस) की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के लिए सबसे घातक साबित हुआ और एक दशक में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गईं. 31 दिसंबर, 2024 तक पाकिस्तान में 44 आतंकी हमले हुए और कम से कम 685 सुरक्षाकर्मियों की जान गई.
इस साल दर्ज की गई मौतें पिछले 9 सालों में सबसे ज्यादा थीं और 2023 की तुलना में 66 प्रतिशत अधिक थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, औसतन हर रोज लगभग 7 लोगों की मौत हुई. 2024 का नवंबर का महीना सभी मापदंडों पर बाकी के महीनों से सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हुआ. हिंसा से सबसे ज्यादा नुकसान खैबर पख्तूनख्वा में हुआ, जहां 1616 लोगों की मौत हुई. दूसरे नंबर पर बलूचिस्तान रहा, जहां 782 लोगों की मौत हुई.
पाकिस्तान में हिंसा से गई इतने लोगों की जान
सीआरएसएस की रिपोर्ट बताती है कि 2024 में पाकिस्तान के अंदर हिंसा से जुड़ी 2546 मौतें हुईं जबकि 2267 नागरिक, सुरक्षाकर्मी और अपराधी घायल हुए. ये मौतें 1166 आतंकी हमलों और आतंक विरोधी अभियानों में हुईं, जो पाकिस्तान में सुरक्षा की स्थिति बताते हैं.
पिछले साल की तुलना में ये आंकड़े बताते हैं कि हिंसा में 66 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा हुआ है, 55 प्रतिशत से अधिक लोग घायल हुए हैं और लगभग 49 प्रतिशत ज्यादा घटनाएं घटी हैं. देशभर में हुई कुल मौतों की तुलना में खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांत सबसे आगे रहे. कुल मौतों में से 94 प्रतिशत और कुल घटनाओं में से 89 प्रतिशत इन दोनों प्रांतों में हुईं.
पिछले 9 सालों में 2024 सबसे ज्यादा खतरनाक
2024 में हुई मौतें पिछले 9 सालों में सबसे ज्यादा रहीं. इससे पहले 2015 में कुल 4 हजार 366 मौंते दर्ज की गईं, फिर 2016 में 2 हजार 432 मौंते. इस साल 934 अपराधियों को मार गिराया गया लेकिन नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की मौत इनसे कहीं ज्यादा रही, जो 1612 है. देखा जाए तो अपराधियों की तुलना में 73 प्रतिशत से ज्यादा का नुकसान है. इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 909 आतंकी हमले हुए जिसके जवाब में सिर्फ 257 सुरक्षा अभियान चलाए गए.
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