Cyclone Mocha Update: भारतीय उपमहाद्वीप में एक चक्रवाती तूफान से बड़ा नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है. यहां बंगाल की खाड़ी से पनपा चक्रवाती तूफान 'मोचा' (Cyclone Mocha) अब बांग्लादेश के तट पर पहुंच चुका है. इसके चलते म्यांमार के भी कई क्षेत्रों में भयंकर बारिश हो रही है. वहां 195 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं. अलर्ट दिया गया है कि हवाओं की रफ्तार 250 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है.


बांग्लादेश के मौसम विभाग ने कहा है कि 'मोचा' पिछले 2 दशकों में देश में आया सबसे ताकतवर चक्रवात हो सकता है. इसके कारण बांग्लादेश-म्यांमार में तेज हवा और बारिश का दौर जारी है. वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक "साइक्लोन मोचा" दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर के इलाकों में तबाही मचा सकता है. माना जा रहा है कि ये बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर स्थित रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप को भी तबाह कर सकता है.




बांग्लादेश-म्यांमार बॉर्डर पर रिफ्यूजी कैंप को खतरा


रोहिंग्या रिफ्यूजी कैंप में हजारों रोहिंग्या मुस्लिम रह रहे हैं. BBC के मुताबिक, बीते शनिवार की रात "साइक्लोन मोचा" मध्य और इससे सटे दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है. अब इसका असर दुनिया के सबसे बड़े रिफ्यूजी कैंप पर पड़ने के आसार हैं.




डूब सकता है यह आइलैंड!
यह चक्रवाती तूफान कोरल आइलैंड सेंट मार्टिन को भी तबाह कर सकता है. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इससे आईलैंड के डूबने का खतरा है. ऐसे में एयरपोर्ट बंद कर दिए गए हैं और मछुआरों से समुद्र में न जाने के लिए कहा गया है.
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, खतरे को देखते हुए बंगाल में NDRF की 8 टीमों और 200 बचावकर्मियों को तैनात किया गया है.




कहां से आया "साइक्लोन मोचा"?
इस तूफान का नाम अरब प्रायद्वीप के देश यमन ने तय किया है. लाल सागर से लगे यमन के तटीय शहर "मोचा" (या मुखा) ने 500 साल पहले दुनिया के सामने मोचा कॉफी पेश की थी. इसी शहर के नाम पर तूफान को मोचा नाम दिया गया है.


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