South African President : दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति बने सिरिल रामफोसा, जानें कैसे हैं भारत से रिश्ते
South African President : दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रपति फिर से सिरिल रामफोसा बन गए. शुक्रवार को संसद की 7वीं नेशनल असेंबली की बैठक में सिरिल रामफोसा के नाम पर मुहर लगी
South African President : दक्षिण अफ्रीका में राष्ट्रपति फिर से सिरिल रामफोसा बन गए. शुक्रवार को संसद की 7वीं नेशनल असेंबली की बैठक में सिरिल रामफोसा के नाम पर मुहर लगी. दक्षिण अफ्रीका में लोगों ने 29 मई को मतदान किया. 399 मतपत्रों की गिनती की गई. इनमें 12 मतपत्र अवैध मिले थे. दक्षिण अफ्रीका की समाचार एजेंसी के मुताबिक, रामफोसा को 283 वोट मिले, वहीं इकोनोमिक फ्रीडम फाइटर्स के नेता जूलियस मालेमा को केवल 44 वोट मिले. रामफोसा अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस के सांसद मदुमसेनी ने रामफोसा के नाम का प्रस्ताव रखा था.
नहीं मिला बहुमत तो बनी गठबंधन की सरकार
अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि इस बार के चुनाव में पार्टी को बहुमत नहीं मिला है, इसलिए मुख्य विपक्षी दल और अन्य दलों को मिलाकर सरकार बनाई जा रही है. दक्षिण अफ्रीका में जो सरकार बनाई गई है, वो राष्ट्रीय एकता को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है और विपक्षी पार्टियों ने भी सिरिल रामफोसा का समर्थन किया है, क्योंकि पिछले दिनों हुए चुनाव में उनकी पार्टी बहुमत से दूर रह गई थी, हालांकि सबसे ज्यादा सीटें लाने में कामयाब रही थी.दक्षिण अफ्रीका की संसद ने सत्तारूढ़ अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस और विपक्षी दलों के बीच गठबंधन के बाद सिरिल रामफोसा को देश का राष्ट्रपति फिर से चुन लिया है.
पहली बार राष्ट्रपति कब बने थे रामफोसा?
रामफोसा ने पहली बार 15 फरवरी 2018 और इसके बाद 22 मई 2019 को राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. 1994 में दक्षिण अफ्रीका में हुए पहले चुनाव के बाद से अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस प्रमुख राजनीतिक ताकत रही है. अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस ने एक्स पर लिखा कि सिरिल रामफोसा को राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुना गया है.
दक्षिण अफ्रीका में आजादी के बाद सबसे पहला चुनाव 1994 में हुआ था, उसके बाद से ANC ने हमेशा 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल किए थे.
भारत को लेकर क्या है स्टैंड?
भारत के साथ सिरिल रामफोसा ने मजबूत संबंध बनाए हैं. जब भारत ने चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की तो BRICS सम्मेलन में हिस्सा लेने नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका ही गए थे और राष्ट्रपति रामफोसा ने भारत को बधाई दी थी. रामफोसा ने भारत की कामयाबी को अपने देश की कामयाबी करार दिया था. उन्होंने लैंडिंग के बाद घोषणा की थी, कि वह प्रधानमंत्री मोदी के बगल में बैठना चाहते है, ताकि चंद्रयान की अच्छी भावनाएं उन पर भी पड़े.