यूक्रेन और रूस में बीते पांच दिनों से युद्ध चल रहा है. दोनों देशों के बीच बन रही स्थिति को देखते हुए पूरी दुनिया चिंता में आ गई है. अगर यह युद्ध कुछ दिनों तक ऐसे ही चलता रहा तो जल्द ही यह तीसरे विश्व युद्ध का रूप ले सकता है. इस जंग को रोकने के लिए सभी देशों के राजनेता अपने अपने तरीके से दोनों देश को बतचीत कर मामला सुलझाने का सुझाव दे रहे है. 


अब इस क्रम में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने रूस- यूक्रेन संकट पर कहा कि इस संघर्ष से मुझे गहरा दुख हो रहा है. उन्होंने कहा कि हमारी दुनिया अन्योन्याश्रित हो गई है कि दो देशों के बीच हिंसक संघर्ष अनिवार्य रूप से दुनिया के बाकी देशों को भी प्रभावित करता है. 


अहिंसा ही एकमात्र रास्ता


उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा, ' किसी मसले को युद्ध से सुलझाना पुराना तरीका हो चुका है, अब अहिंसा ही एकमात्र रास्ता है. हमें अन्य मनुष्यों को भाई-बहन मानकर मानवता में एकता की भावना विकसित करनी चाहिए. इन प्रयासों से हम ज्यादा शांतिपूर्ण विश्व का निर्माण कर सकेंगे." उन्होंने कहा कि समस्याओं और असहमति को बातचीत के माध्यम से सबसे अच्छा हल किया जाता है.'


देश में शांति आपसी समझ से होती है


दलाई लामा आगे कहते हैं कि किसी भी देश में शांति आपसी समझ और दूसरों के प्रति भलाई की भावना से आती है. हमें युद्ध तक पहुंचने की जरूरत नहीं. हमें उम्मीद नहीं खोनी चाहिए. 20वीं  सदी युद्ध और खून खराबे की सदी थी तो हमें 21वीं सदी में संवाद से विवाद सुलझाने के कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं यूक्रेन में जल्द ही शांकि बहाल होने की प्रार्थना करता हूं. 


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