ChatGPT: डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेट फ्रेड्रेरिक्सेन ने बुधवार को संसद में जो भाषण दिया, वह चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, उन्होंने जो भाषण दिया था उसे लिखने में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल चैटजीपीटी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. पीएम ने खुद अपने भाषण के दौरान भी इस बात की पुष्टि की.
डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेट फ्रेड्रेरिक्सेन ने अपने भाषण के दौरान कहा, "अभी जो मैं पढ़ रही हूं, वह मैंने नहीं लिखा. न ही किसी इंसान ने इस नोट्स को तैयार किया है. यह तो ChatGPT द्वारा तैयार नोट्स है. डेनिश सरकार की प्रमुख ने माना कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस टूल चैटजीपीटी का इस्तेमाल आकर्षक के साथ साथ भयावह भी है. अपने भाषण के दौरान हैरान दिख रहे सांसदों से उन्होंने अपना व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि भले ही यह सरकार के कार्यक्रमों और प्रतीकों पर सवाल नहीं उठाता है लेकिन जो यह करता है वह आकर्षक और भयानक दोनों है.
विवादों में है ChatGPT
गौरतलब है कि ChatGPT पिछले कुछ समय से सुर्खियों में पिछले कुछ छाया हुआ है. पिछले साल के अंत में ChatGPT ने निबंध, कविताएं और वार्तालाप उत्पन्न करने की क्षमता को प्रदर्शन किया गया था. जिसे देख लोग हैरान रह गए थे. मालूम हो कि ChatGPT को लेकर चल रहे विवाद के बीच एपल ने इस एआई टूल को अपने कर्मचारियों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. इसके साथ ही एपल ने अन्य एआई चैटबॉट्स पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. एपल का मानना है कि इसका उपयोग सुरक्षित नहीं है.
इटली कर चुका है बैन
इससे पहले इटली ने एडवांस चैटबॉट ChatGPT को अपने यहां बैन कर दिया है. इटली ऐसा करने वाला पहला यूरोपीय देश है. इटली ने इसके पीछे निजता (Privacy) से जुड़ी चिंताएं बताई हैं. बताते चलें कि ChatGPT को 30 नवंबर 2022 को लॉन्च किया था. लॉन्च होने के बाद लाखों लोग इसका यूज कर चुके हैं. हालांकि इसको लेकर दुनिया भर के एक्सपर्ट चिंता भी जाहिर कर चुके हैं.
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